अब फोटोशेसन नहीं, मांगों पर शासन से होगी सीधी बात – कमल वर्मा

सरकार में कौन बैठा है ये फेडरेशन का मुद्दा नहीं…
रायपुुर(khabarwarrior)छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रांतीय बैठक स्थानीय माध्यमिक शिक्षा मंडल परिसर में सम्प्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा नें बैैथक के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्यऔर शिक्षा विभाग में समस्या ज्यादा है और जटिल है । वर्मा नें कहा कि फेडरेशन की प्रमुख मांगों पर मुख्य सचिव से आने वाले दिनों में चर्चा की जाएगी.लोगों का भ्रम तोड़ने मुख्य सचिव के साथ फोटोशूट कराने के बजाए अब मांगों पर ही चर्चा होगी।
कमल वर्मा ने पूर्व में दिये गए ज्ञापन और उस पर मुख्य सचिव से हुई चर्चा की जानकारी दी।कर्मचारी संघों के संशय को दूर करते हुए कहा कि कई बार तात्कालिक निर्णय लेने पड़ते हैं जिसके लिए कुछ यूनियन को शामिल कर कोर कमेटी का गठन किया गया है ।
कोर कमेटी अपना निर्णय फेडरेशन को प्रस्तुत करेगी। उन्होंने बताया कोर्ट और शासन के निर्णयों की समीक्षा के लिये विधिविधाई समिति , अनुशासन समिति व वित्तीय प्रबंधन समिति का भी गठन किया गया है तथा फेडरेशन का खाता कॉपरेटिव बैंक में खुल गया है।
वर्मा नें मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलकर भेंट किये गए ज्ञापन और जो मांगे पूरी हुई उसकी भी जानकारी देते हुए बताया कि संघों को मान्यता के संबंध में किये गए प्रयासों और संचालक फर्म सोसायटी से हुई जानकारी दी। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश रूल की तरह छग में भी संघों को स्थाई मान्यता दिया जाना चाहिए ।छोटे छोटे नियमों का हवाला देकर फर्म व सोसायटी को पैसा कमाने का जरिया न बनाये । कांकेर जिले में यूनियन की घटना पर फेडरेशन के द्वारा किए गए प्रदर्शन व सहयोग की जानकारी देते हुए कहा कि 1965 नियमों से हटकर किये जाने वाले प्रताड़ना का विरोध पूर्ववत जारी रहेगा । उन्होंने नामदेव डिप्लोमा इंजीनियर की प्रसंसा की और बस्तर संभाग में हुए बैठक , अनियमित कर्मचारी संघ पर भी विचार व्यक्त किए ।
वर्मा नें पिछली सरकार के समय कर्मचारियों के साथ हुए भेदभाव और वर्तमान सरकार से मिल रहे सहयोग की बात कही । उन्होंने कहा कि सरकार से मिल रहे सहयोग के बाद भी फेडरेशन की मजबूती बनाए रखना होगा ।
वर्मा नें सरगुजा बिलासपुर व अन्य संभाग दौरा किये जाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि जिला संयोजक फेडरेशन के निर्णयों का पालन करने वाला हो।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर निर्वाचन आयोग से किये चर्चा का उल्लेख करते हुए रिजर्व को भी मानदेय मिलने की जानकारी दी।
फेडरेशन के प्रांतीय सचिव राजेश चटर्जी नें पिछली सरकार पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि विभिन्न विभागों के कई केडर समयमान वेतनमान 28 अप्रेल 08 के आदेश अनुसार पदोन्नति पर समयमान वेतनमान की पात्रता रखते हैं बावजूद इसके पिछली सरकार के समय से कोषालय और शासन के मध्य इसे लेकर समन्वय की कमी बनी हुई है । चटर्जी ने कहा कि ये बहुत बड़ा मुद्दा है और इस मांग को लेकर आंदोलन किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि सरकार की गद्दी में कौन बैठा है ये फेडरेशन का मुद्दा नहीं है । बल्कि समयमान वेतनमान पर शासन से स्पष्ट बात करना होगा ।
उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षक को 3रा वेतनमान मिलेगा की नहीं यह आदेश में स्पष्ट नहीं है । श्री चटर्जी नें कहा महंगाई भत्ता तो मिलता ही है । फेडरेशन को उच्चतर वेतनमान, हाउस रेंट और
पूर्ण पेंशन हेतु 33 वर्ष की आयु 25 वर्ष मांग पर फेडरेशन को गंभीर होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बैठक और मांग पत्र में श्रेय की बात नहीं एकजुटता की बात करना चाहिए ।
चटर्जी नें कहा कि जिम्मेदारी सभी की बनती है जो संघ अपने साथ हैं उनकी बात सुननी होगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए फेडरेशन को आक्रमण के मुद्दों में आना ही होगा । श्री चटर्जी ने कहा कि पिछले चुनावों में रिजर्व कर्मचारियों को यदि मानदेय न मिला हो तो जिला फेडरेशन के माध्यम से अपनी बात पहचानी होगी ।
स्वास्थ्य एवं बहुउद्देश्यीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पंकज पांडेय ने फर्म व सोसायटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग मान्यता के नाम पर संघों की भावनाओं से खेल रही है।फर्म व सोसायटी ब्लैकमेल करने और संघों पर दबाव बनाने की नीति अपनाए हुए है।अनर्गल पैसों की मांग और साल भर की मान्यता पर रोक लगनी चाहिए ।
पांडेय नें कहा कि चुनाव के समय को नजरअंदाज करते हुए स्वास्थ्य संयोजक, स्टाफ नर्स, कुष्ठ कर्मचारियों की लंबित मांगों पर शासन से बिना विलंब किये चर्चा की जानी चाहिए। महंगाई भत्ता , फेडरेशन की मान्यता पर प्रदर्शन और जरूरत पड़ने पर आंदोलन करना होगा ।
अपने बेबाक टिप्पणी के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री विजय कुमार झा नें फर्म व सोसायटी विभाग की तुलना सुरसा के मुंह से करते हुए कहा कि सब दस्तावेज देनें के बाद भी मान्यता नहीं दी जाती। उन्होंने मध्यप्रदेश के नियमों के विपरीत छग रजिस्ट्रार कार्यालय और फर्म व सोसायटी विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर अनेक सवाल खड़े किये।
झा नें वेतन विसंगतियों पर सारगर्भित विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर विभाग और हर केडर में वेतन विसंगति है । उनका कहना था कि पदोन्नति नियम में संविधान का निर्देश का पालन जिला स्तर पर निहायत जरूरी है ।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ की ओर से अजय तिवारी नें कहा कि फेडरेशन को आंदोलन के लिए कार्ययोजना बनाना चाहिए । केंद्र के समान महंगाई भत्ता, 4 स्तरीय पदोन्नत वेतनमान संबंधित मांग को लेकर राजधानी में भोजन अवकाश के समय प्रदर्शन किया जाना चाहिए।
अजाक्स संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ लक्ष्मण भारती नें अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि मांग पूरी होने पर कोई भी संघ श्रेय न ले । शासन से मित्रता की भूमिका के साथ साथ आंदोलन की भूमिका बनानी चाहिए । उन्होंने कहा कि संघों के बीच आपस में वैमनस्यता को दूर कर एक हो जाना चाहिए । भारती नें स्वार्थ त्यागनें, स्वस्थ वातावरण में रहनें की भी अपील की । उन्होंने बिना किसी इंतजार के शासन तक विभिन्न मांगों को ले जाने के लिए कमल वर्मा को बधाई दी।
एस आर धृतलहरे आंदोलन के लिए कार्ययोजना बनाने संबंधित विचारों का समर्थन करते हुए अपने संघ की ओर से कहा कि सरकार को अपने घोषणा पत्र में किये वादों को जल्द पूरा करने कदम उठाने चाहिए।
राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अश्विनी चेलक नें महंगाई भत्ता, चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान और 20 वर्ष की सेवा अवधि और 50 वर्ष उम्र मामले में सरकार अपने वादों से मुकर रही है। श्री चेलक नें भी संघ की मान्यता पर दबाव बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया।
अपाक्स संघ के सत्येंद्र देवांगन
मंत्रालय स्तरीय भत्ता पद्धति को जिला स्तरीय में भी लागू करने और लिपिकों की वेतन विसंगतियों को रेखांकित करते हुए फेडरेशन का ध्यानाकर्षण किया ।
डिप्लोमा इंजीनियर संघ की ओर से बोलते हुए पी के नामदेव नें आंदोलन की कार्ययोजना का समर्थन करते हुए कहा कि आंदोलन को सफल बनाने में जिला की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नामदेव का कहना था ऐसी मांग जिसमे सभी संघ जुड़कर चले उस पर सबसे पहले विचार कर पहले जिला से आंदोलन प्रारंभ करें बाद में राज्यस्तरीय प्रदर्शन किया जाना चाहिए। उन्होंने कांकेर मामले में जिला स्तर पर हुए प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए अविस्मरणीय योगदान के लिए संयोजक कमल वर्मा के प्रति आभार जताया।
कर्मचारी कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष बी पी शर्मा नें कहा कि कोई भी कर्मचारी संघ व्यापार नहीं करती । उन्होंने फर्म व सोसायटी के कार्यप्रणाली पर अप्रशन्नता जाहिर करते हुए कहा कि फार्मिलीट पूरा करने पर ही मान्यता मिलती है परन्तु विभाग को विलंब नहीं करना चाहिए । शर्मा का कहना था कि हर साल मान्यता देने की परंपरा में भ्रष्टाचार की बू आती है ।उन्होंने कहा कि जब समस्त दस्तावेज में पदाधिकारी 3 साल तक के लिये चुने जाते हैं तो मान्यता एक साल के लिए क्यों ।
उन्होंने फेडरेशन की नियमित बैठक करने के लिये कमल वर्मा की प्रशंसा की । शर्मा नें जिलों में भी संयोजक का पद राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष को बनाए जाने की पैरवी की ।
उनका कहना था कि सरकार के घोषणा पत्र को लागू कराने पर सभी लाभान्वित होंगे।
पर्यवेक्षक संघ महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रांताध्यक्ष श्रीमती रंजना ठाकुर नें वेतन विसंगति और पदोन्नति संबंधित मांगों को रखते हुए फेडरेशन की मांग पत्र में जोड़ने की मांग की। श्रीमती ठाकुर नें पर्यवेक्षक संघ को फेडरेशन से सबद्धता मिलने पर प्रशन्नता जाहिर करते हुए सभी प्रांताध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त की।
अनियमित कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अनिल देवांगन नें 4 बिंदुओं पर फेडरेशन से सहयोग अपेक्षा की । श्री देवांगन नें कार्मिक संपदा से तैयार डाटाबेस वित्त विभाग से ईपीएफ का रिकॉर्ड के आधार पर नियमितीकरण में मदद मिलेगी ।उन्होंने कहा कि समान काम समान वेतनमान पर जोर देने से नियमितीकरण का सरलीकरण किया जा सकता है। उन्होंने वक्फ बोर्ड में जिला स्तर पर छटनी करने और दूसरे कर्मचारी को रखने ऐसा किया जा रहा है ।
छेदैय्या सहित वाहन चालक संघ के एन एच खान अपाक्स के सत्येंद्र देवांगन, कुष्ठ कर्मचारी संघ की ओर से विद्याभूषण दुबे आदि नें भी बैठक को संबोधित किया ।बैठक का संचालन व आभार प्रदर्शन राजेश चटर्जी नें किया ।