15 दिन बाद रायपुर पुलिस ने कराई अपहर्ताओं के चंगुल से प्रवीण की सकुशल घर वापसी,

रायपुर(khabarwarrior)छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरसींवा थानांतर्गत सिलतरा इलाके से अपहृत हुए उद्योगपति प्रवीण सोमानी को 15 दिन बाद रायपुर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ा लिया है। 40 से ज्यादा अपहरण को अंजाम दे चुके चंदन सोनार गिरोह के सरगना पप्पू चौधरी के दो प्रमुख साथियों को भी पुलिस ने पकडऩे में सफलता हासिल की है।
उद्योगपति सोमानी को उत्तरप्रदेश के फैजाबाद और सुलतानपुर जिले के बीच में एक झोपड़ी से बरामद किया गया ।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने इस बहुचर्चित मामले का देर रात पुलिस कंट्रोल रूम में खुलासा करते हुए बताया कि सोमानी का अपहरण 8 जनवरी को सिलतरा और परसुलीडीह के बीच में हुआ था। वे अपने ऑफिस से घर जाने के लिए शाम 6 बजे निकले थे। रात तक वे घर नहीं पहुंचे, तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी। पुलिस बुधवार को देर रात उत्तरप्रदेश से हवाई जहाज से सोमानी और दोनों अपहरणकर्ताओं को लेकर रायपुर पहुंची। बता देें कि उद्योगपति को अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के लिए रायपुर पुलिस चंदन सोनार गिरोह की तलाश में बिहार के कई जिलों में कैंप किए हुए थी।
ईडी अधिकारी बनकर लिया कब्जे में
डीजीपी अवस्थी ने बताया कि 8 जनवरी को प्रवीण सोमानी को उठाने पप्पू समेत 8 लोग ईडी अधिकारी बनकर रायपुर आये थे। सरडा एनर्जी से करीब 200 मीटर पहले सोमानी की कार को रोका और सोमानी को अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद सोमानी को लगातार बेहोशी के इंजेक्शन लगाते रहे। अपहरणकर्ताओं ने अपनी कार में फर्जी नम्बर लगा रखा था। जांच में यह नंबर एक ट्रैवल एजेंसी का पाया गया। अपहरणकर्ता प्रवीण को सिमगा, चिल्फी होते हुए कटनी और फिर इलाहाबाद ले गए। उसके बाद यूपी के अंबेडकर नगर में ही एक घर में बंद कर दिया और गैंग का सरगना पुलिस को छकाने के लिए खुद बिहार के वैशाली पहुंच गया।
जेल में बनी थी अपहरण की योजना.
डीजीपी अवस्थी ने बताया कि प्रवीण सोमानी के अपहरण की पूरी योजना सूरत जेल में बनाई गई थी। पप्पू चौधरी गिरोह के सदस्यों ने आपस मे टारगेट तय करने के लिए बाकायदे गूगल सर्च इंजन का सहारा लिया।
पुलिस का कहना था कि अपहरणकर्ता इस कदर शातिर थे कि उन्होंने किडनैपिंग की इस पूरी वारदात में हर एक्शन के बाद अपने सिम कार्ड को बदल दिया करते थे। यह पूरा गैंग अलग-अलग लेवल पर बंटा हुआ था। गाडिय़ों का बंदोबस्त करने की जिम्मेदारी, प्रवीण सोमानी को छुपाने की जिम्मेदारी और फिेरौती के लिए फोन करने की जिम्मेदारी गैंग के अलग-अलग टीम को दी गई थी। इन इन टीमों का आपस में कोई संपर्क नहीं था। यहां तक कि जब प्रवीण सोमानी को एसएसपी ने छुड़ा लिया उसके बाद भी लगातार फिरौती के लिए फोन आते रहे।
पुलिस ने 5 लाख कॉल्स,दो हजार किमी के सीसीटीवी फुटेज खंगाले
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान हम तकरीबन 500000 मोबाइल कॉल्स और 2000 किलोमीटर का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया है। इस पूरे काम में ही 4 दिन लग गए छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह भी बताया कि यह गैंग इतना ज्यादा हाईटेक था कि वह प्रवीण सोमानी के अपहरण के बाद किये गए हर एक्शन में अपने मोबाइल सिम कार्ड बदल दे रहे थे। पुलिस का कहना था कि न तो उनकी कॉल ट्रेस की जा पा रही थी न तो उनका लोकेशन मिल रहा था। छत्तीसगढ़ पुलिस का यह भी कहना है कि इस पूरे मामले में सबसे बड़ा श्रेय साइबर सेल को जाता है
सकुशल लौटे प्रवीण घर परिवार में फैली खुशियां….
एसएसपी रायपुर आरिफ शेख ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने प्रवीण के साथ कोई मारपीट नहीं की है। लेकिन उन्हें मानसिक तौर पर जरूर प्रताडऩा दी गई है।
प्रवीण के सकुशल वापस रायपुर लौटने पर एयरपोर्ट पहुंचते ही उनके परिवार के लोगों ने उन्हें गोद में उठा लिया। प्रवीण भी अपने अरिवार वालों
से मिलकर गदगद हुए तथा अपने बच्चे को गोद मे उठा लिया।
पूरे आपरेशन में आईजी, एसएसपी समेत 60 से अधिक लोगों की टीम ने किया काम
उद्योगपति प्रवीण सोमानी की तलाश में रायपुर एसएसपी आरिफ शेख सहित 60 से अधिक पुलिस ऑफिसर लगे थे। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस को बिहार के किडनैपरों की संलिप्तता का पता चला। इसके बाद पुलिस हाजीपुर, पटना, वैशाली और उससे लगे हुए इलाकों में लगातार सर्चिंग करते रहे। पुलिस को किडनैपिंग के लिए कुख्यात पप्पू चौधरी के बारे में पुख्ता सबूत मिला। टीम में एएसपी क्राइम पंकज चंद्रा, एएसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल, सीएसपी अभिषेक माहेश्वरी, सीएसपी नसर सिद्दीकी, डीएसपी लोकेश देवांगन आदि शामिल रहे। इस पूरे अभियान में लगे अधकारियों कर्मचारियों को डीजीपी डीएम अवस्थी ने सफल ऑपरेशन के लिए रिवॉर्ड देने की घोषणा की है।