छत्तीसगढ़

विश्व उपभोक्ता दिवस-उपभोक्ता अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति रहें सचेत

दुर्ग(khabarwarrior) विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर दुर्ग कलेक्टरेट सभागार में उपभोक्ता अधिकारों एवं उपभोक्ताओं को अलग-अलग कानूनों के माध्यम से मिलने वाले विधिक उपचारों की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने बताया कि शासन ने अलग-अलग वस्तुओं के हिसाब से मार्क सुनिश्चित किए हैं।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

कोई भी सामान खरीदते समय उत्पादों पर आईएसआईएस मार्क, हॉलमार्क, एगमार्क, सिल्कमार्क, वुलमार्क, हैण्डलूम मार्क, एफएफएसआई लोगो, बीईई लेबल जैसे मानकीकृत चिन्हों को अवश्य देखना चाहिए।

वस्तु की मात्रा, उसके तत्व, वजन, निर्माण की तिथि, एक्सपायरी की तिथि और सामग्री का कब तक उपयोग करना बेहतर होगा (बेस्ट बिफोर) जैसी सारी टिप्पणियों को देखना चाहिए जैसे उदाहरण स्वरूप शासन द्वारा सभी बोतलबंद पानियों के लिए आईएसआई मार्क को अनिवार्य किया गया है।

आईएसआई मार्क के असली और नकली होने की भी जांच करें

वस्तु के उपयोग के नियम व शर्तें, प्रोडक्ट की वापसी और रिप्लेसमेंट की नीतियों और वारंटी गारंटी को देखने के बाद ही वस्तु लेना चाहिए। साथ ही वस्तु की सील टूटी तो नहीं है या फिर पैकिंग से छेड़छाड़ तो नहीं है यह भी अवश्य देखें।

अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत लेना अवैध है यदि आप इससे ऊपर कीमत लिया जाता है तो रकम भुगतान का प्रमाण रखें और वस्तु के साथ उसकी शिकायत कर विक्रेता के खिलाफ विधिक कार्यवाही कराई जा सकती है।

राजेन्द्र पाध्ये ने कहा कि कोई भी विक्रेता यदि यह प्रदर्शित करता है कि बिका हुआ माल वापस नहीं होगा या अदला बदली नहीं होगा या किसी भी परिस्थिति में धन वापसी नहीं होगी तो यह पूरी तरह से अनैतिक व्यापार व्यवहार है, इसका कोई कानूनी आधार नहीं है।

केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा संचालित कंज्यूमर हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1800 11 4000 डायल करके भी उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने से अधिकतर समस्याओं का निवारण होता है अन्यथा की स्थिति में जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष भी परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार उपभोक्ता को है।

राजेन्द्र पाध्ये ने जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग द्वारा प्रकरणों की सुनवाई के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया एवं जिला फोरम, राज्य उपभोक्ता आयोग, राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपभोक्ता हित में दिए गए निर्णयों की भी जानकारी दी।

अधिकारों के प्रति हों जागरूक

जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग की सदस्य लता चंद्राकर ने कहा कि उपभोक्ता तभी न्याय प्राप्त कर सकता है जब वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो इसलिए यह जरूरी है कि वह सामान खरीदते समय या सेवायें प्राप्त करते समय बिल एवं भुगतान का प्रमाण अवश्य प्राप्त करें और सामान अथवा सेवा में दोष होने पर उसके संबंध में विरुद्ध पक्ष के साथ किए हर संव्यवहार की लिखित में पावती ले।

उपभोक्ता स्वयं जागरूक होंगे तभी वे अपने प्रति होने वाले व्यावसायिक कदाचरण, अनुचित व्यापार प्रथा एवं सेवा में निम्नता पर न्याय प्राप्त कर सकते हैं।

उपभोक्ता अधिकारों की दी गई जानकारी

जिला खाद्य नियंत्रक सी.पी. दीपांकर ने उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया कि उपभोक्ताओं को छह प्रकार के अधिकार प्रदान किए गए हैं जिसमें सुरक्षा का अधिकार, सूचना प्राप्त करने का अधिकार, चयन का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, शिकायत के निवारण का अधिकार एवं उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार प्राप्त है।

कार्यक्रम में उपस्थित नापतोल विभाग के अधिकारियों द्वारा नापतोल से जुड़े विषयों पर की विस्तृत जानकारी दी गई और यह बताया गया कि समय-समय पर शिविर के माध्यम से बाट बाट मापकों का प्रमाणन किया जाता है।

पेट्रोल पंप में भी 5 लीटर का मापक रखना अनिवार्य है, जिसमें प्रत्येक दिन 5 लीटर टेस्ट करके दिखाना आवश्यक है। गैस एजेंसियों में भी इलेक्ट्रॉनिक तौल रखना अनिवार्य है ताकि उपभोक्ता सिलेंडर लेते समय उसे तौल कर देख सके।

मास्क और सेनेटाइजर की अधिक मूल्य  में बिक्री पर करें शिकायत

वर्तमान में कोरोना के चलते मास्क और सैनिटाइजर के एमआरपी से अधिक मूल्य पर विक्रय होने का समाचार मिल रहा है, ऐसा होने पर इसकी शिकायत निर्भीक होकर करें।

कार्यक्रम में सहायक खाद्य अधिकारी आनंद चंद्र मिश्रा, एफ एन. द्विवेदी, अरुण कुमार श्रीवास्तव, जन्मेजय नायक, संदीप हलधर रीता साहू, नेहा तिवारी, श्रद्धा दिल्लीवार, पवित्रा अहिरवार, सुरेश कुमार साहू, नरेंद्र सिंह ठाकुर, दीपा वर्मा, सुधा महिलांग, विवेक मिश्रा सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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