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मोटरसाइकिल की पूरी रकम लेने के बाद ग्राहक से धोखाधड़ी:अब वाहन डीलर देगा 50 हजार रुपये हर्जाना

दुर्ग(khabarwarrior) वाहन डीलर ने एक तरफ ग्राहक से नई मोटरसाइकिल की पूरी कीमत ले ली और दूसरी तरफ उसी गाड़ी के लिए बैंक से फाइनेंस करवाकर फाइनेंस की रकम भी ले ली, इसे ग्राहक के प्रति व्यवसायिक कदाचार और अनुचित व्यापार प्रथा का कृत्य मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने सरस्वती मोटर्स जामुल के प्रोपराइटर सत्यप्रकाश बंजारे पर 50149 रुपये हर्जाना लगाया।

ग्राहक की शिकायत

जेवरा सिरसा निवासी महेंद्र निषाद की ओर से पेश परिवाद के अनुसार परिवादी मत्स्य पालक है, जिसके कारण उसे उप संचालक मछली पालन विभाग द्वारा मोटरसाइकिल खरीदने हेतु अनुदान राशि 30000 रुपये प्राप्त हुई थी और शेष राशि उसके द्वारा नगद भुगतान कर मोटरसाइकिल क्रय किया जाना था।

परिवादी द्वारा खरीदी जा रही मोटरसाइकिल की कीमत 62851 रुपये थी जिसमें से उप संचालक मछली पालन विभाग द्वारा वाहन डीलर के नाम से 30000 चेक द्वारा प्रदान किया गया एवं परिवादी ने अपनी ओर से 35000 रुपये नगद भुगतान किया।

मोटरसाइकिल की संपूर्ण राशि का भुगतान परिवादी की ओर से हो चुका था किन्तु कुछ दिनों बाद इंडसइंड बैंक सुपेला ब्रांच से परिवादी को फोन आया कि उसे मोटरसाइकिल की किस्त 3870 रुपये प्रतिमाह 11 महीने तक भुगतान करनी है।

वाहन डीलर ने परिवादी के कम पढ़े लिखे और ग्रामीण परिवेश के होने का नाजायज फायदा उठाते हुए उसे अनावश्यक रूप से बैंक का कर्जदार बनाया और बैंक से फाइनेंस कराई गई राशि 32000 रुपये को नाजायज रूप से प्राप्त कर लिया। प्रकरण में वाहन डीलर उपस्थित नहीं हुआ और उसने कोई जवाब नहीं दिया

फोरम का फैसला

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने प्रकरण में प्रस्तुत रसीदों व दस्तावेजों के आधार पर यह प्रमाणित पाया कि वाहन डीलर ने शासकीय अनुदान के साथ नगद राशि मिलाकर 65000 रुपये परिवादी से प्राप्त कर लिए और दूसरी तरफ से बैंक का कर्जदार बनाते हुए 32000 रुपये भी प्राप्त कर लिए ।

इस प्रकार वाहन डीलर ने वाहन की कुल कीमत 62851 रुपये के विरुद्ध 97000 रुपये वसूल लिये अर्थात मोटरसाइकिल के एवज में 34149 रुपये अतिरिक्त प्राप्त कर लिए जो कि स्पष्ट रूप से व्यावसायिक कदाचरण और अनुचित व्यापार प्रथा की पराकाष्ठा है।

फोरम ने कहा कि ग्रामीण परिवेश के कम पढ़े लिखे व्यक्ति को शासन की योजना का लाभ मिलने की स्थिति का अनावेदक जैसे वाहन डीलर अनुचित लाभ उठाते हैं,

जबकि शासन ऐसे मत्स्य कृषकों हेतु योजना बनाकर उनके जीवनयापन की स्थिति सुधारने हेतु मोटरसाइकल जैसे परिवहन का साधन उपलब्ध कराने हेतु अनुदान देता है और उन्हें आत्मनिर्भरता देने का प्रयास करता है परंतु अनावेदक जैसे विक्रेता व्यवसायिक कदाचरण करते हैं और उन्हें अनावश्यक रूप से बैंक का कर्जदार बनाते हैं

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने व्यवसायिक कदाचरण के लिए वाहन डीलर सरस्वती मोटर्स जामुल के प्रोपराइटर सत्यप्रकाश बंजारे पर 50149 रुपये हर्जाना लगाया, जिसके अंतर्गत वाहन की अधिक ली गई राशि 34149 रुपये, मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति स्वरूप 15000 रुपये एवं वाद व्यय के रूप में 1000 देना होगा साथ ही वाहन की अधिक ली गई राशि पर वाहन खरीदी दिनांक से अंतिम भुगतान तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।

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