बीएसपी प्रबंन्धन नही हुआ सचेत, तो हो सकती है,भयावह स्थिति – सीटू

भिलाई(खबर वारियर)हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन ने प्लांट में कार्यरत श्रमिको को लेकर चिंता जाहिर करते हुए यूनियन के अध्यक्ष जमील अहमद व महासचिव योगेश सोनी ने कहा की जिस तरह से कोरोना वायरस अन्य देशों में विकराल रूप लेता जा रहा है,वही भारत मे लॉक डाउन होने के बावजूद लगभग 40000 हजार श्रमिको से प्लांट चलवाना बहुत से सवाल खड़ा करता है।
भिलाई के खुर्सी पार ज़ोन 2 में कोरोना का मरीज पाया गया जिसके बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के श्रमिको में भय व्याप्त है। श्रमिको का सीधा सवाल है कि खुर्सीपार ज़ोन 2 में एक व्यक्ति में कोरोना का संक्रमण पाए जाने के बावजूद प्रबन्धन इस पर गम्भीर क्यो नही? क्या एक दो जान जाने के बाद चेतेगा प्रबन्धन? उनका सवाल वाजिब भी है।
एक तरह से खुर्सीपार ज़ोन 2 घनी बस्ती होने के साथ साथ वहां से कई श्रमिक संयंत्र में कार्य पर आते है, अतः श्रमिको के बीच अब यह भय है कि पीडित से संपर्क में रहने वाले लोग प्लांट में ड्यूटी में आ रहे तो बहुत ही भयावह स्थिति निर्मित होगी जिसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।
जान रहेगी तो उतपदन करने के सक्षम है, भिलाई के कर्मवीर :-
श्रमिको की जान ओर उनकी सुरक्षा से बढ़ कर उत्पादन नही है। आज सारे देश मे कर्फ्यू जैसा माहौल है। पी एम ने साफ़ तौर से पूरे देश मे लॉक डॉउन किया है। वहीं संयंत्र में अनदेखी करना सही नही है। जरूरत होने पर श्रमिक आवश्यक सेवा के लिए तैयार है पर अनावश्यक रूप से ड्यूटी बुलाना सही नही है जिस पर प्रबन्धन को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है।
हमेशा श्रेष्ठता साबित की है श्रमिकों नें :-
खुर्सीपार ज़ोन 2 में कोरोना का मरीज पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रबंधन को सख्त कदम उठाते हुए कम से कम श्रीमिको से संयंत्र को चलाने हेतु प्रयास करना चाहिए जहां जरूरत न हो वहां कर्मियों की संयंत्र में न बुलाया जाना चाहिए, ओर तमाम नियमित कर्मी व ठेका श्रमिको को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना चाहिये
कर्मियों की सुरक्षा और जान के साथ न करे खिलवाड़ :-
यूनियन ने साफ तौर से स्पस्ट किया है कि भिलाई में 40000 हजार श्रमिक विभिन्न गेट से संयंत्र के अंदर प्रवेश कर रहे हैं और आज कोरोना से संक्रमण में बढते आंकड़े को देखते हुए संयंत्र में इस वायरस के फैलने से इंकार नही किया जा सकता। अगर किसी में यह पॉजिटिव पाया जाता है तो फिर संयंत्र को संभालना मुश्किल होगा ।
अतः प्रबन्धन को इस ओर ध्यान रखते हुए एहतियातन कोरोना से बचाव की दिशा में उत्पादन और अन्य बातों को दरकिनार कर श्रमिक व उसके परिवार और तमाम भिलाई व देश हित मे कड़े निर्णय लेने होंगे।
आने जाने लिए करे स्पेशल पास:-
लॉकडॉउन के तहद श्रमिको को खासकर ठेका श्रमिकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है क्योंकि ठेका श्रमिक दूर दराज से संयंत्र की सेवा में लगे है अतः स्पेशल पास जारी कर उन्हें ड्यूटी आने पर सहूलियत मुहैया कराने प्रबन्धन को पहल करना चाहिए।
आवश्यक कार्य पर बुलाये मजदूरो को अन्यथा घर बैठे दे हाजिरी:-
नियमित कर्मियों के साथ साथ ठेका श्रमिकों को भी बेवजह न बुलाया जाए कम से कम श्रमिकों को काम पर बुला कर बैठाए गए श्रमिको को पूरा वेतन भुगतान किया जाए। भिलाई के श्रमिक ब्रेकडाउन पर कार्यस्थल पर आने को तैयार है तो प्रबंधन को बेवजह कार्य पर बुलवाना उचित नही है।
आने वाला समय खतरनाक, प्रबन्धन को होना पड़ेगा गंभीर:-
भिलाई में कोरोना से संक्रमित पाया जाना चिंता का विषय है, इस दिशा में प्रबधन को गंभीरता से लेते हुए 20 से 30 %मेंन पावर में प्लांट चलाने की दिशा में विचार करना चाहिए अन्यथा जो स्थिति निर्मित होगी उसकी तैयारी न प्रवंधन के पास है न प्रशासन के पास।
,देश भर में लॉकडॉउन के बावजूद अगर श्रमिकों की सुरक्षा पर प्रबन्धन सतर्कता और एहतियात नही बरतता है तो स्वाभाविक रूप से श्रमिक कार्य पर आना बंद कर देंगे जिससे आवश्यक सेवाए भी बाधित होगी अतः प्रबन्धन को इस दिशा में गंभीरता से विचार कर आवश्यक पहल करना चाहिए।
देश मे लॉक डॉउन तो हमे भी सुरक्षित रखना प्रबंन्धन की जिम्मेदारी;-
प्रबन्धन कम से कम मेन पावर में संयंत्र चलाये अतिआवश्यक सेवा या विभागों को छोड़ तमाम विभागों में संयंत्र श्रमिक व देश हीत में लिए गए निर्णय कड़ाई से अनुपालन कर ड्यूटी करने वालो को श्रमिको को कोरोना से बचने के लिए सारे संसाधन उपलब्ध कराए।
सेक्टर 9 अस्पताल में जान पर खेल सेवा देने वाले श्रमिकों को भी मिले पर्याप्त सुविधा
आपदा की घड़ी में हॉस्पिटल स्टाफ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने वाले ठेका श्रमिको को पर्याप्त सुविधा व सुरक्षा मुहैया करावे प्रबंन्धन।
शिकायत मिली है कि सेक्टर 9 के सफाई कर्मियों को अब तक फरवरी माह का वेतन नही दिया गया है। ज्ञात हो कि बहुत से ठेका श्रमिक जो दूर दराज से कार्य करने आ रहे है उन्हें आने जाने की व्यवस्था बी एस पी प्रबन्धन को करना चाहिए साथ ही साथ आने वाली विपदा से निपटने की सारी पुख्ता इंतजमात कर लेना चाहिए।
यूनियन की मांग है कि जब लॉकडॉउन के दोरान जान पर खेल कर ठेका श्रमिक सफाई अटेंडेंट व लॉन्ड्री के कार्य मे अपनी सेवाएं दे रहे हैै तो उनके आने जाने की व्यवस्था प्रबन्धन के द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिये व जिन्हें वेतन भुगतान नही किया गया उसे अविलम्ब वेतन व एडवांस के3 रूप में कुछ राशि का भुगतान हेतु ठेकेदारों को आदेश जारी करना चाहिए।