
नई दिल्ली(khabarwarrior)भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने चीन से खरीदी गई रैपिड एंटिबाडी टैस्ट किट में प्रक्रियागत खामी के दावे का खंडन किया है। रैपिड एंटिबाडी टैस्ट किट का इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों की आरंभिक जांच के लिए किया जाता है। परिषद के बयान में कहा गया है कि ऐसी खरीद के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया और इस सौदे में शामिल किसी भी पक्ष को अग्रिम राशि का भुगतान नहीं किया गया।
धन की किसी भी तरह की हानि की आशंका को खारिज करते हुए परिषद ने कहा है कि जांच किट की तत्काल आवश्यकता के बावजूद यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक नियम का पालन किया जाए। सबसे कम बोली लगाने वाले पक्ष को ही अनुबंध दिया गया।
परिषद ने यह भी कहा कि किसी भी बिचौलिए से बचने के लिए विनिर्माता से रैपिड एंटिबाडी टैस्ट किट की सीधी खरीद के प्रयास भी किए गए। विदेशी आपूर्तिकर्ता ने बिना गारंटी के अग्रिम भुगतान की मांग की थी और समय सीमा की कोई प्रतिबद्धता व्यक्त नहीं की थी इसलिए देश में विशेष डीलर के जरिए अनुबंध किया गया।
परिषद ने जांच किट प्राप्त करने के बाद जमीनी स्तर पर इनकी फिर जांच की थी। जांच किट के वैज्ञानिक आकलन के आधार पर यह पाया गया कि ये अपेक्षा पर खरी नहीं उतरती। इसलिए आर्डर कैंसिल कर दिया गया