रायपुर(khabarwarrior)सीटू के स्थापना दिवस और 50 वर्ष पूरे होने पर 30 मई को पूरे देश में श्रमिकों कर्मचारियों पर हो रहे हमलों, प्रवासी श्रमिकों की अकथनीय स्थिति, सार्वजनिक क्षेत्र को देशी/विदेशी निजी हाथों में सौपने आदि के खिलाफ विरोध दर्ज करते हुए पूरे प्रदेश में भी सीटू कार्यकर्ता अपने घरों, संगठन के कार्यालयों, कार्यस्थलों, बस्तियों में सीटू का झण्डा फहराएंगे ,और सामाजिक दूरी का पालन कर घर की छत, सड़क, कार्यस्थल पर मानव श्रृंखला का निर्माण करेंगे ।
प्रदेश भर में करोना संकट की आड़ में तालाबंदी के जरिए सरकार की नीतियों के विरोध में आवाज उठाने के लोकतांत्रिक अधिकार को भी कुचलने का प्रयास कर रही है । श्रमिक बस्तियों और रिहायशी क्षेत्रो में इस दिन शारीरिक दूरी आदि के निर्धारित मानको के साथ विरोध की कार्रवाई होगी।
विरोध के जरिए सीटू श्रम सुधारों के नाम पर कारखानों में 12 घंटे की पाली, श्रम कानूनों के परिपालन के लिये निरीक्षण पर रोक, ठेका श्रमिकों के लिये ठेकेदारों की मनमर्जी, दुकानों एवं संस्थानों में 18 घंटे का काम की व्यवस्था कायम करने की मध्य प्रदेश, हिमाचल, गुजरात, उत्तरप्रदेश सरकार की घोषणा के खिलाफ प्रदर्शन करेगा ।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज में इन मुद्दों के समाधान के लिए कुछ भी नहीं है, उल्टे सार्वजनिक क्षेत्र सहित देश की समूची अर्थव्यवस्था को विदेशी पूंजी के हवाले करने का रास्ता खोल दिए जाने के खिलाफ किया जा रहा है ।
कोविड-19 की आड़ में केंद्र सरकार अपने कॉर्पोरेटपरस्त एजेण्डे ही को ताबड़तोड़ लागू कर रही है। इसी क्रम में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा श्रम कानूनों को ध्वस्त कर हायर एण्ड फायर के हालात बना दिए है।जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
कोविड-19 के लॉकडाऊन से अर्थव्यवस्था को हुई क्षति, प्रवासी मजदूरों के दर्दनाक हालात और आम गरीबो की बदहाल जिन्दगी की तस्वीर सबके सामने है।
सीटू के प्रदेश सचिव धर्मराज महापात्र ने बताया कि पूरे प्रदेश के श्रमिकों से आह्वान किया गया है कि वे इस विरोध दिवस की कार्रवाई को व्यापक तौर पर कामयाब कर प्रदेश व देश की सरकार को चेतावनी दे।