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एम्स में सोमवार से शुरु होंगे स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल

दिल्ली(khabarwarrior)कोविड बीमारी के खिलाफ जंग अब निर्णायक दौर में पहुँच गया है। पिछले कई महीनों से कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए जारी प्रयास के सकारात्मक संकेत मिलने लगे है। इंसानों पर शुरुआती चरण में कोई साइड इफेक्ट नही देखा गया है। भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने के प्रयास तेजी से जारी है। स्वदेशी टीका बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने दिन रात एक कर दिया है जिसका परिणाम है कि भारत की कंपनी भारत बायोटेक ने वैक्सीन की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए प्रयोगशाला परीक्षण में खरे उतरे वैक्सीन को अब मानव पर परीक्षण किया जा रहा है।

इसके लिए देशभर के 375 वोलेंटियर पर वैक्सीन का परीक्षण होगा। देश भर के 14 रिसर्च संस्थान में ट्रायल होगा। इसके लिए नई दिल्ली स्थित एम्स को भी चुना गया है। एम्स नई दिल्ली में 100 लोगो पर ट्रायल होगा। जिसके लिए एथिकल कमिटी की मंजूरी मिल चुकी है। अब 18 से 55 साल तक के स्वस्थ व्यक्ति ट्रायल में हिस्सा ले सकते है। इसके लिए सभी लोगो का कोरोना टेस्ट के अलावा लीवर की भी जांच होगी। एक स्वस्थ व्यक्ति ही वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा ले सकता है। लोगो को इस नंबर पर 07428847499 sms या कॉल करके या फिर इस मेल पर email-Ctaiims.covid19@gmaol.com ,के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी कई बार वैक्सीन को लेकर बैठक कर चुके हैं। गौरतलब है कि भारत दुनिया का 60 फीसदी वैक्सीन बनाता है और निर्यात करता है। पूरी दुनिया की निगाह इस वक्त भारत की ओर है कि कब भारत कोविड की वैक्सीन बना रहा है। ये हमारे देश के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है।

स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में  कोई साइड इफेक्ट नहीं…

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। कई देशों से वैक्सीन की प्रगति को लेकर भी अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। कई देशों में वैक्सीन विकास के चरण में है तो कई देशों में मानव परीक्षण भी शुरू हो चुके हैं …हालाँकि ये कोई नहीं जानता कि किस देश में सबसे पहले ये वैक्सीन तैयार होगा । ऐसे में भारत भी वैक्सीन बनाने की रेस में पीछे नहीं है । भारत स्वदेशी वैक्सीन बनाने की ओर तेजी से अग्रसर है ।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट करके देश को जानकारी दी है कि स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सफलता पूर्वक चल रहा है और देश इस मामले में निर्णायक दौर में है ।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा – Vaccine का #humantrials शुरू! COVID19 के खिलाफ ज़ंग अब निर्णायक दौर में है। पिछले कई महीनों से कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए जारी प्रयास के सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं।हम जल्द ही इस महामारी पर पूरी तरह जीत प्राप्त कर लेंगे।स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक फोटो भी शेयर की है जिसमें इससे जुड़ी तमाम जानकारियां दी गयी है ।

स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इंसानों पर शुरूआती ट्रायल में SIDE EFFECT नहीं.देखा गया है । वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल दो चरणों में होगा । देश में 14 रिसर्च इंस्टीटयूट्स में ह्यूमन ट्रायल हो रहा है । इस दौरान सुरक्षा और स्क्रीनिंग पर जोर रहेगा और हर डेटा पर ICMR के वैज्ञानिक नजर रख रहे हैं । दरअसल भारत- कोविड 19 का टीका विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में प्रमुख रूप से शामिल हो गया है।

भारत बॉयोटेक और ज़ायडस कैडिला ने केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से मंजूरी मिलने के बाद टीके का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR और भारत बायोटेक मिलकर जो Covaxin नाम से वैक्सीन बना रहे हैं उसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है।

पहले चरण में 375 लोगों पर ट्रायल हो रहा है । इसी के तहत पीजीआई रोहतक में शुक्रवार को तीन वॉलंटिअर्स पर ट्रायल हुआ और अच्छी बात ये रही है कि किसी पर कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।

भारत के साथ ही और कई और देशों में भी वैक्सीन से जुड़ी प्रक्रिया उन्नत चरण में है… ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन भी इस रेस में आगे चल रही है । वैक्सीन को बाज़ार में उतारने से पहले उसका ह्यूमन ट्रायल जरूरी होता है.।

आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जो वैक्सीन बन रही है उसका भी ह्यमून ट्रायल हो रहा है । वहां भारत में जन्में दीपक पालीवाल पर इसका ट्रायल हुआ है ।

कोरोना महामारी एक वैश्कि चुनौती बन गई है। शोधकर्ताओं और चिकित्सा क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों का मानना है कि इस महामारी से निपटने का एक मात्र कारगर तरीका है वैक्सीन । ऐसे में ऐसे में विकराल होती बीमारी को रोकने के लिए वैक्सीन पर अपने संसाधन झोक रहा है

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