छत्तीसगढ़

धान खरीदी को लेकर प्रदेश के 6 मंत्रियों ने की किसानों से बात

रायपुर(खबर वारियर)- छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में आई रुकावट ने राज्य और केंद्र सरकार के बीच टकराव की नई संभावना बना दी है। प्रदेश के छह मंत्रियों रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, अमरजीत भगत, डॉ. शिव डहरिया और उमेश पटेल ने आज 250 से 300 किसान प्रतिनिधियों से बात की।

मंत्रियों ने किसानों को खरीदी की व्यवस्था, केंद्र सरकार के साथ हुई बातचीत और मौजूदा संंकट की पूरी जानकारी दी। मंत्रियों ने इससे निपटने के लिए किसानों से सुझाव मांगे। किसानों ने कहा, वे राज्य सरकार के साथ हैं। जरूरत पड़ी तो दिल्ली जाकर भी प्रदर्शन करने को तैयार हैं।

मंत्रालय में करीब 3 घंंटे तक चली बैठक के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, किसान सरकार के हर कदम के साथ हैं। धान खरीदी प्रभावित न हो इसके लिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा, किसानों ने धरना प्रदर्शन से लेकर धान खरीदी की सुचारू व्यवस्था की मांग करने दिल्ली जाने तक की बात कही है।

कृषि मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार से तमाम आग्रह के बाद भी आज की तारीख तक चावल जमा करने की अनुमति नहीं मिली हैं। उन्होंने कहा, ऐसा ही रहा तो धान खरीदी प्रभावित हो सकती है।

कांग्रेस से जुड़े किसान नेता द्वारिका साहू ने बताया, बैठक में मंत्रियों ने वस्तुस्थिति की जानकारी दी है। बारदानों की कमी की स्थिति में किसान अपने पास से बारदाना देने को तैयार हैं। किसानों ने धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। साहू ने कहा, सरकार की ओर से आ रही अड़चनों के लिए हमने राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने को कहा है।

सुझाव आए हैं कि दबाव बढ़ाने के लिए भाजपा सांसदों का घेराव कर ज्ञापन सौंपा जाए। राज्यपाल से मिलकर केंद्र सरकार को संबोधित ज्ञापन दिया जाए ताकि चावल जमा करने का आदेश जारी हो। द्वारिका साहू ने कहा, हम लोग दिल्ली जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को भी तैयार हैं।

कोई ठोस फैसला नहीं हुआ हुआ

किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में केवल सुझाव लिए गए। कोई ठोस फैसला नहीं हुआ। बताया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बातचीत के बाद सरकार कुछ इंतजार करना चाहती है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, बैठक में आए सुझावों को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा। उसके बाद कोई फैसला होगा।

भाजपा ने कहा, बैठक में किसान नहीं कांग्रेसी

छत्तीसगढ़ भाजपा ने इस बैठक पर सवाल उठाए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा, इस बैठक में किसान नहीं केवल कांग्रेसी लोग इकट्ठा हुए थे। धान की खरीदी बंद होने से प्रदेश का किसान परेशान है। उसको सरकार पूछ भी नहीं रही है। भाजपा का आरोप है कि सरकार धान खरीदी से बचने के लिए ऐसे पैंतरे अपना रही है।

धान का दाम नहीं मिला तो भुगतेगी कांग्रेस

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघ के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा, मंत्रालय के सबसे नजदीक होने के बावजूद सरकार ने उनके जैसे किसान संगठनों को बैठक में नहीं बुलाया। उन्होंने कहा, सरकार के सामने संकट तो है, लेकिन अगर वह प्रति क्विंटल 2500 रुपए दाम देने से बचने की कोशिश करेगी तो कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अगले चुनाव में वह 70 से पांच सीटों पर आ जाएगी।

प्रदेश भर में 37 लाख मीट्रिक टन धान जाम

एफसीआई में चावल जमा नहीं होने से प्रदेश के खरीदी और संग्रहण केंद्रों में जाम की स्थिति बन गई है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, बुधवार शाम तक 48 लाख मीट्रिक धान की खरीदी की गई है। अब तक राज्य के 12 लाख 40 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा।

विभाग ने मिलरों को 14 लाख 58 हजार 601 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। मिलरों ने इसमें से 11 लाख 19 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव किया है। मतलब 37 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी और संग्रहण केंद्रों में ही पड़ा हुआ है। कस्टम मीलिंग के बाद बना चावल भी राइस मिलों में ही पड़ा है क्योंकि एफसीआई इसे जमा नहीं कर रहा है।

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