कान्हा किसली पहुंचीं राज्यपाल, पारंपरिक कला-संस्कृति को संरक्षित करने पर दिया जोर
रायपुर(खबर वारियर)- छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मंडला (मध्य प्रदेश) जिले के कान्हा किसली के तीन दिवसीय प्रवास पर हैं। इस दौरे में वे विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की समस्याओं को नजदीक से जानने का प्रयास किया। राज्यपाल ने बैगा जनजाति के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ की तथा बैगा जनजाति के लोगों से कहा कि वे आगे आकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
कान्हा किसली पहुंचने पर बैगा आदिम जनजातियों ने राज्यपाल उइके के स्वागत में इको विकास समिति खटिया, नारंगी के बैगा नृत्य दल के मुखिया सोनसाय बैगा के नेतृत्व में आकर्षक पारंपरिक बैगा नृत्य का प्रदर्शन किया गया। राज्यपाल ने नृत्य की सराहना करते हुए नृत्य दल को एक लाख रुपये स्वेच्छा अनुदान से देने की घोषणा की। इसके अलावा राज्यपाल ने अपनी ओर से उन्हें प्रोत्साहन राशि भेंट की।
बैगा नृत्य दल के सदस्यों ने उइके को बताया कि उन्हें बैगा नृत्य प्रस्तुत करने पर प्रतिदिन 100 रुपये का पारिश्रमिक दिया जाता है। इस पर राज्यपाल ने कलेक्टर से कहा कि बैगा नृत्य प्रस्तुत करने पर प्रतिदिन कम से कम दो सौ रुपये दिलाने की व्यवस्था करें, ताकि पुरातन बैगा संस्कृति लुप्त होने से बची रहे और बैगा कलाकारों का भी उत्साहवर्धन होता रहे।
राज्यपाल उइके ने बैगा नृत्य दल के मुखिया सोनसाय बैगा के घर जाकर उनकी परिस्थितियों का जायजा लिया। सोनसाय बैगा ने राज्यपाल को बैगाओं के पारंपरिक भोजन कोदो-कुटकी और औषधीय कंदमूल के गुणों से अवगत कराया और उन्हें भेंट भी दी। उन्होंने राज्यपाल को बैगाओं की पुरातन संस्कृति से भी अवगत कराया। राज्यपाल उइके से मंडला, डिंडौरी और चिरईडोंगरी के प्रतिनिधियों ने भेंटकर आदिवासियों की समस्याओं और क्षेत्रीय समस्याओं से अवगत कराया।