राजनीति

प्रदेश में बैंकें बंद- कर्मचारी, पेंशनर्स, आम जनता हो रहे तंग,

लाॅक डाउन में स्वयं का पैसा काम न आया तो बैंक में सुरक्षित रखने का क्या औचित्य

रायपुर(khabar warrior)- छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध ने प्रदेश में लाॅक डाउन के दौरान सभी बैंकों के क्रियाकलापों के संचालन पर रोक लगने से जीवनोपयोगी वस्तुएं क्रय करने से वंचित कर्मचारी, पेंशनर्स एवं आम जनता परेशान होकर तंग किये जा रहे है। बैंक का कार्य अपने सम्मानीय ग्राहकों के प्रति “तेरा तुझकों अर्पण क्या लागे मेरा” है।

संकटकाल में स्वयं का कमाया व संचित धन काम न आया तो धन संचय की भविष्य में आवश्यक्ता नहीं होगी। इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से मांग की गई है कि तत्काल बैंकों का संचालन प्रारंभ किया जावे। यदि प्रदेश में बैंक खोलना संभव न हो तो शराब जैसे होम डिलवरी की सुविधा बैंक अपने ग्राहकों को प्रदान करें। इस संबध में विभिन्न सुझाव शासन को दिया गया है।

संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन, अखिल भारतीय बैंक यूनियन के नेता शिरीष नलगुंडवार ने बताया है कि बैंक की महती जिम्मेदारी अपने ग्राहक के प्रति है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसा न करने पर देश व प्रदेश में बैंक व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए बैंक यूनियन ने सर्व प्रथम मुख्यमंत्री व स्वास्थ मंत्री से मांग की है कि सर्वप्रथम प्रथम पंक्ति के योद्वा के रूप में बैंक कर्मचारियों व उनके परिजनों को टीकाकरण में प्राथमिकता दिया जावे ताकि वे स्वस्थ रहते हुए जन सेवा कर सकें। इसके अतिरिक्त जनता के प्रति अपनी जवाबदारी का आभास करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि जनहित में केरल राज्य की तरह सप्ताह में 03 दिन बैंक चाूल किया जावे।

बैंकों का कार्यालयीन समय धटाकर कोविड काल व लाॅक डाउन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंकों का कार्यावधि प्रातः 10 बजे से 2 बजे तक किया जावे। मंत्रालय संचालनालय शासकीय कार्यालयों की भाॅति 50 प्रतिशत् एवं एक तिहाई कर्मचारियों से बैंकों का कार्य संचालित कराया जावे। गंभीर बीमारी से ग्रसित, गर्भवती एवं दिव्यंग बैंक कर्मचारियों को ‘‘वर्क फ्राम होम‘‘ की सुविधा दी जावे। बैंक में भीड़ को नियंत्रित करने व कानून व्यवस्था बनाएं रखने हेतु स्थानीय पुलिस की सुविधा प्रदान की जावे।

इन सुझावों का पालन करते हुए बैंक खोलने की व्यवस्था किए जाने से प्रदेश की जनता जो अपने खून पसीने की कमाई, राजीव गांधी किसान योजना के तहत प्राप्त व बैंक में जमा राशि, प्रदेश के नागरिकों द्वारा संकटकाल में अपने व परिवार के सुरक्षा हेतु बैंकों में संचित राशियों, शासकीय सेवकों व पेंशनरों को प्राप्त होने वाले वेतन व परिवार पेंशन की राशि का अपने प्राण रक्षा व परिजनों के भरण पोषण में उपयोग किया जा सकें।

अनेक विभागों में लाॅक डाउन के कारण प्रदेश में दिवंगत 730 लोक सेवकों के परिजनों को एक्सग्रेसिया राशि, मृत्यु उपादान राशि जो केवल अंतिम संस्कार व मृतक श्राद्व कर्म के संपादन हेतु ही दिया जाने का प्रावधान है, वह भी अनेक मृतक के आश्रितों परिजनों को प्राप्त नहीं हो पाया है। ऐसा धन या राशि जो अपने जीवन काल में एवं मृत्यु उपरांत उपयोग में लाया जा सका ऐसा धन संचय र्निथक है।

संध के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, संध के महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय सचिव विश्वनाथ ध्रुव, विमल चंद्र कुण्डू, सुरेन्द्र त्रिपाठी, रविराज पिल्ले, नरेश वाढ़ेर, आलोक जाधव, जवाहर यादव, डाॅ. अरूंधति परिहार, रंजना ठाकुर, अश्वनी वर्मा, नीरज प्रताप सिंह, संतोष त्रिपाठी, वाहन चालक संध सचिव संतोष धनगर, टार्जन गुप्ता, बजरंग मिश्रा, प्रमोद पाण्डेय, दिनेश मिश्रा, एस.पी.यदु, प्रदीप उपाध्याय, सतीश शर्मा, नीलकंठ साहू, भजन बाध, सुनील साहू पवन धनगर, राजकुमार देशलहरे, दिनेश साहू, मुरलीधर शर्मा, निर्मल कुमार नाग आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से प्रदेश की जनता व कर्मचारियों, वृद्व पेंशनरों की सुविधा हेतु बैंकों की गतिविधियों संचालित करने की मांग की है।

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