छत्तीसगढ़

कोरोना संक्रमण के चलते फेडरेशन ने रैली-आंदोलन कार्यक्रम में किया बदलाव,अब इस तरह रखेंगे अपनी बात 

रायपुर (खबर वारियर) छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा प्रदेश के शासकीय सेवकों के लंबित 31 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता एवं साातवें वेतनमान् के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता की मांग की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट करने हेतु 12 जनवरी को सभी जिला, तहसील, विकासखण्डों में ‘‘मौलिक अधिकार रैली‘‘ निकालने तथा 28 एवं 29 जनवरी को दो दिवसीय प्रांतव्यापी सामूहिक अवकाश आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। किंतु देश व प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत् रखते हुए आंदोलन की रूप रेखा में संशोधन किया गया है।

फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया है कि राजधानी के राजपत्रित अधिकारी संध के कार्यालय में 7 जनवरी को सम्पन्न कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते धटनाओं को दृष्टिगत् रखते हुए आगामी 12 जनवरी बुधवार को प्रस्तावित मौलिक अधिकार रैली एवं 28 एवं 29 फरवरी को प्रस्तावित दो दिवसीय प्रातव्यापी आंदोलन को संशोधित करते हुए अब 12 जनवरी को सभी जिला तहसील व विकासखण्डों में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्टरों, अनुविभागीय अधिकारियों एवं तहसीलदारों के माध्यम से दो सूत्रीय मांगपत्र केवल 5-7 पदाधिकारियों के द्वारा सौपने का निर्णय लिया गया है।

इसी प्रकार यदि 28 एवं 29 जनवरी को कोरोना की गति में सुधार व रोक लगने की स्थिति में छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति लोक सेवकों के कर्तव्यों का ध्यान रखते हुए सामूहिक अवकाश के स्थान पर काली पट्टी लगाकर कर्तव्य स्थल पर कर्तव्य संपादित करने का निर्णय लिया गया है।

यदि 26 जनवरी तक कोरोना में पर्याप्त रोकथाम हो जाती है, तो ही सामूहिक अवकाश आंदोलन किया जावेगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के लोक सेवकों के 14 सूत्रीय मांगों पर शीध्र श्री मनोज कुमार पिंगुआ समिति द्वारा निर्णय लिए जाने की मांग रखी जावेगी।

फेडरेशन की बैठक में प्रमुख रूप से राजेश चटर्जी, संजय सिंह, आर.के.रिछारिया, पंकज पाण्डेय, डाॅ. बी.पी.सोनी, मूलचंद शर्मा, अजय तिवारी, विजय लहरे, तिलक यादव, मुक्तेश्वर देवाॅगन, रंजना ठाकुर, अरूण साहू, राजीव वर्मा, संजय शर्मा, उमेश मुदलियार, आलोक नागपुरे आदि नेता उपस्थित थे।

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