राजधानी

कोरोना संक्रमण को लेकर कर्मचारी संघ ने इंद्रावती भवन व पुराने रायपुर के कार्यालयों में भेदभाव पर उठाया सवाल

आँगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के आदेश पर रोक लगाने मुख्यमंत्री से की मांग

रायपुर(खबर वारियर)छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में  लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना से मृत लोगों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। कलेक्टर रायपुर द्वारा जारी आदेश क्रमांक 265 दिनांक 20 अगस्त 2020 की कंडिका 5 एवं 06 का पालन शासन प्रशासन द्वारा न किए जाने से शासकीय कर्मचारियों में नाराजगी है।

दूसरी तरफ महिला बाल विकास सचिव द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोलने संबंधी जारी निर्देश से कोरोना संक्रमितों की संख्या में और इजाफा निश्चित है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध ने कहा है कि इंद्रावती भवन सील न करने, पुराने रायपुर के अनेक कार्यालयों को सील करने, तथा आँगनबाड़ी केन्द्रों को चालू करने में शासन प्रशासन के निर्देशों का अधिकारी अपने स्वेच्छाचारिता  से पालन कर राजधानी में विरोधाभास को जन्म दे रहे है। इस पर तत्काल रोक लगाते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से की है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने कहा कि इंद्रावती भवन में 84 अधिकारी कर्मचारी संक्रमित हो गए है। 03 कर्मचारियों की मृत्यु भी कोरोना से हो चुकी  है।

कलेक्टर रायपुर द्वारा जारी निर्देश की कंडिका 05 एवं 06 में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी संस्था, कार्यालय, प्रतिष्ठान में कोरोना से मृत्यु होगी तो उस संस्थान को 48 धण्टे तक बंद रखा जावेगा। सक्रिय प्रकरणों की संख्या 05 से अधिक होने पर उसे कन्टेन्मेंट जोन बनाया जावेगा। इसका पालन जिम्मेदार अधिकारी नहीं करवा रहे है। इसलिये शासकीय कार्यालयों में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ती ही जा  रही है।

राजधनी का जिला पंजीयन कार्यालय उपपंजीयक के संक्रमित होने से सील कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय 5 दिनों के लिए एक लिपिक के संक्रमित होने पर बंद कर दिया गया है। जल संसाधन भू सर्वेक्षण उपसंभाग में  पदस्थ एक कर्मचारी की पत्नी की  हरतालिका व्रतोपवास के दिन  कोरोना से मृत्यु हो गई। पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय चालू है, किंतु कार्यालय बंद है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग कलेक्टोरेट परिसर को संक्रमित होने पर बंद कर दिया गया। गौरवपथ स्थित मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग में भी 2-3 कर्मियों के संक्रमित होने की ख़बर है।कार्यालयीन कर्मियों को सोमवार तक कार्यालय आने मना कर दिया गया है। संभागायुक्त कार्यालय रायपुर में भी एक लिपिक के संक्रमित होने की जानकारी मिली है।

जब इन कार्यालयों को एक-दो प्रकरणों पर बंद किए जा रहे है, तब इंद्रावती भवन  विभागाध्यक्ष कार्यालय में 84 संक्रमित व 03 मृत्यु के बाद भी बंद न करने का कारण समझ से परे है।

इससे एक कदम आगे बढ़कर स्वास्थ एवं पोषण दिवस तथा गरम भोजन प्रदान करने के आधार पर महिला बाल विकास विभाग  द्वारा 02 सितंबर को जारी आदेश में प्रदेश में आंगनबाड़ी खोलने के निर्देश प्रसारित किए है। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं में आक्रोष है।

प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में 03 वर्ष से 06 वर्ष के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, शिशुवती स्तनपान् कराने वाली महिला व गोद में बच्चा ही आते है, जिनके सबसे अधिक संक्रमण का भय रहता है।

गत् दिवस एक गर्भवती पाॅजिटिव्ह महिला का प्रसव कराने से डाक्टरों के इंकार के बाद उसे भगा दिया गया था, जिसे चिकित्सालय परिसर में ही महिलाओं ने सफल प्रसव कराया था।

ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को यह निर्णय करना है कि कुपोषण से एक-दो मृत्यु स्वीकार्य है अथवा हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमण आंगनबाड़ी केन्द्रों में पैदा करना उचित है।

इस आदेश को तत्काल निरस्त कर आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने, कोरोना मामले में कार्यालय व संचालनालय में भेदभाव की नीति बंद करने की मांग कर्मचारी नेताओं ने की है।

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