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“कही-सुनी” :- वरिष्ठ पत्रकार रवि भोई की कलम से…

(16 अक्टूबर 2022)

“कही-सुनी”

   रवि भोई✍️🖊️🖋️


अगस्त में ही लिख गई थी ईडी छापे की स्क्रिप्ट ?

कहते हैं छत्तीसगढ़ में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के छापे की नींव तो अगस्त महीने में ही पड़ गई थी, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 27 अगस्त को एनआईए ( नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के नए दफ्तर का उद्घाटन करने रायपुर आए थे। अमित शाह 27 अगस्त को एक सरकारी कार्यक्रम के साथ भाजपा के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। कहा जा रहा है कि इस दिन अमित शाह राजधानी में 5-6 घंटे रुके, उनके साथ गाड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पूरे समय साथ रहे।

माना जा रहा है डॉ रमन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री को सरकार और अफसरों की कार्यशैली, जनता का मूड आदि की जानकारी निश्चित तौर से दी होगी। अमित शाह की यात्रा के एक- सवा महीने बाद ही ईडी की टीम आ गई और तीन आईएएस समेत फिलहाल दो कोयला व्यापारियों को अपने फंदे में फांस लिया। छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी आईएएस को ईडी ने गिरफ्तार किया है, दो आईएएस से गहन पूछताछ हुई। कलेक्टर से पूछताछ का भी पहला मामला है।

मंत्री बंगले की सफाई

कहते हैं छत्तीसगढ़ में छापे की भनक नेता और अफसरों को दो दिन पहले ही लग गई थी, लेकिन आयकर विभाग के छापे पड़ेंगे या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के यह साफ़ नहीं था। खबर है कि छापे की भनक से कांग्रेस के कुछ कद्दावर नेता रायपुर छोड़कर भूमिगत हो गए। इनमें ईडी का टॉप मोस्ट वांटेड व्यक्ति भी शामिल है। चर्चा है कि ईडी के छापे के एक दिन पहले रातों-रात एक मंत्री के बंगले की व्यवस्था दुरुस्त कराई गई और दस्तावेजों को ठिकाने लगाया गया। कहा जाता है मंत्री बंगले में मंत्री जी से ज्यादा उनके एक नजदीकी व्यक्ति की चलती है और लेनदेन वही करते हैं। छापे के भय से लेनदेन करने वाले को भी अंडरग्राउंड किया गया।

आईएएस लॉबी को जोर का झटका

कहते हैं आईएएस अफसर समीर विश्नोई की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ की आईएएस लॉबी को जोर का झटका लगा है। ईडी ( इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट ) ने मनी लांड्रिंग मामले में जिस तरह तीन आईएएस अफसरों को निशाने पर लिया, उससे कई दूसरे आईएएस अफसरों की नींद उड़ गई और मंत्रालय-संचालनालय में कामकाज छोड़ अफसर ईडी के छापे पर ही चर्चा करने लगे। चर्चा है कि समीर विश्नोई की गिरफ्तारी ने कई अफसरों को हिला कर रख दिया। समीर विश्नोई सुर्ख़ियों में नहीं थे और ईडी के राडार में होने की भनक भी किसी को नहीं थी। खबर है कि आने वाले दिनों में कुछ और आईएएस और आईपीएस ईडी के हत्थे चढ़ सकते हैं।

खराब सड़क मामले में बाल-बाल बचे आईएएस

कहते हैं राज्य में ख़राब सड़कों को लेकर एक आईएएस पर गाज गिरनी तय हो गई थी, लेकिन मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने उन्हें बचा लिया और बलि चढ़ गई ईएनसी की। कहा जा रहा है कि रायगढ़ जिले में भेंट-मुलाक़ात कार्यक्रम के बाद चलते-चलते मुख्यमंत्री को ख़राब सड़कों पर गुस्सा आया और जिम्मेदार लोगों पर एक्शन का फैसला किया। खबर है कि मुख्यमंत्री एक आईएएस और लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारियों को जिम्मेदार मानकर उन्हें हटाने का फैसला किया। मुख्य सचिव ने आईएएस को एक मौका देने की सिफारिश कर दी। पीडब्ल्यूडी के अफसर को एक नेता ने बचा लिया और सारा गुस्सा विजय कुमार भतपहरी पर वज्र जैसा गिर पड़ा और लोक निर्माण विभाग के स्थायी प्रमुख अभियंता बनने का सपना देख रहे भतपहरी साहब विभाग से बाहर होकर मंत्रालय में ओएसडी बन गए।

राज्य में विधानसभा चुनाव को एक साल बचे हैं , इसके चलते सरकार को ख़राब सड़कों की चिंता सताने लगी है। ख़राब सड़कों पर चलते लोग अभी झटका खा रहे हैं। चुनाव तक झटका खाते रहे तो कहीं दांव उल्टा न पड़ जाय।

आयकर विभाग की चिट्ठी चर्चा में

छत्तीसगढ़ में कुछ आईएएस अफसरों के घरों और कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर ईडी के छापे के साथ ही राज्य सरकार को लिखी आयकर विभाग की चिट्ठी चर्चा में है। कहते हैं सितंबर 2021 में आयकर विभाग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कोयला कारोबार में गड़बड़ी और अवैध वसूली का ब्योरा दिया है। कहा जा रहा है कि पत्र में कुछ सरकारी अफसरों और कांग्रेस के नेताओं के नाम का उल्लेख है।

माना जा रहा है कि आयकर विभाग ने मार्च 2020 में की गई सर्च की कार्रवाई के आधार पर सरकार को पत्र लिखा था । कहते हैं इस पत्र में राज्य के अफसरों और नेताओं के गठजोड़ का भी जिक्र है। पत्र में एक कांग्रेस नेता को मकान बनाने के लिए 75 लाख रुपए देने का भी उल्लेख है। कहते है कांग्रेस नेता जी अपने नए मकान में गृहप्रवेश भी कर लिया है।

आदिवासी सीटों पर जामवाल की नजर

भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल की नजर प्रदेश की आदिवासी सीटों पर टिकी है। अजय जामवाल बस्तर के बाद अब सरगुजा के दौरे पर हैं। 2018 में भाजपा सरगुजा की एक भी आदिवासी सीट जीत नहीं पाई थी। बस्तर में एक सीट जीती थी, जिसे उपचुनाव में वह गवां दी। भाजपा के पास अभी दो ही आदिवासी विधायक हैं। 29 आदिवासी सीटों में से 27 पर कांग्रेस का कब्जा है। सामान्य सीट से भी कांग्रेस के दो आदिवासी विधायक हैं।

कहते हैं 32 फीसदी आरक्षण को लेकर आदिवासी समाज जिस तरह सरकार के खिलाफ उद्वेलित हो रहा है, भाजपा उसका फायदा उठाना चाहती है। इस कारण अजय जामवाल आदिवासी अंचल की थाह लेने में जुटे हैं। पर भाजपा में फ़िलहाल कोई बड़ा आदिवासी चेहरा सक्रिय नजर नहीं आ रहा है, वहीं आदिवासी इलाकों में भाजपा के भीतर एकजुटता भी नहीं दिखाई पड़ रही है। जरूर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के दौरे के दौरान बस्तर में कार्यकर्ताओं में उत्साह उमड़ा।

समीर विश्नोई मामले में सरकार को ईडी के पत्र का इंतजार

बताते हैं मनी लांड्रिग केस में पूछताछ के लिए ईडी की कस्टडी में आए छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर समीर विश्नोई मामले में सरकार को ईडी से अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। सरकार इस मामले में ईडी के अधिकृत सूचना के इंतजार में है। कहा जा रहा है कि ईडी का पत्र मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। बताया जा रहा है कि 48 घंटे तक कस्टडी में रहने पर किसी भी सरकारी कर्मचारी को सस्पेंड करना होता है। समीर विश्नोई मामले में सरकार क्या कदम उठाती है , उसका सभी को इंतजार है।

कुछ कलेक्टरों से खफा सीएम

कहते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के 3-4 कलेक्टरों से खफा हैं। माना जा रहा है की मुख्यमंत्री उनके काम करने के तरीके से खुश नहीं हैं। कहा जा रहा है कि अब कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग 2023 के विधानसभा चुनाव के नजरिए से करना चाहते हैं। पहले से अंदाजा लगाया जा रहा है कि कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद कम से कम 6-7 जिलों के कलेक्टर और एसपी बदले जायेंगे। खबर है कि हाल ही में जिलों में पदस्थ कुछ कलेक्टरों पर भी गाज गिर सकती है। अब देखते हैं नई परिस्थिति में कब तक प्रशासनिक फेरबदल होता है।

डॉ. रमनसिंह का 70 वां जन्मोत्सव

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह ने 15 अक्टूबर को अपना 70 वां जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। 15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह 2018 में सत्ता से हटने के बाद पहली बार इतने भव्य तरीके से जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन में प्रदेशभर के नेता और कार्यकर्ता जुटे। राज्य में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। कुछ लोग चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन मान रहे हैं।

डॉ. रमन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ प्रदेश में पार्टी के स्थापित चेहरे हैं। जनता उन्हें जानती भी है। हालांकि डॉ. रमन सिंह के जन्मोत्सव में भाजपा संगठन मंत्री पवन साय और क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल की अनुपस्थिति चर्चा का विषय है। दोनों संगठन के लोग सरगुजा दौरे पर हैं।

(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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