अंबेडकर के पीएचडी का विषय था ‘भारत में जातिवाद’,

दुर्ग(खबर वारियर)भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 129 वी जयंती पर पूर्व राज्यमंत्री बदरुद्दीन कुरैशी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 32 बंगले में आयोजित कार्यक्रम में दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री कुरैशी ने कहा कि बचपन से ही उनकी पढ़ाई में काफी रुचि थी। कोलंबिया विश्वविद्यालय से उन्होंने बीए.एमए. व पीएचडी की। उनके शोधपत्र का विषय था ‘ भारत में जातिवाद’ इसकी काफी लोगों ने सराहना की। इसके बाद वे लंदन चले गए और वहां से उन्होंने बार एट लॉ किया। उनकी सामाजिक सेवाओं का सम्मान करते हुए 1927 में उन्हें मुंबई विधानसभा परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। सन 1936 में उन्होंने इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना की। सन 1937 में मुंबई विधानसभा चुनाव में वे 15 सीटों से जीत कर आए और विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में श्रमिकों के उत्थान के लिए उन्होंने कई कानून बनवाया।

1942 में अंबेडकर जी को श्रमिकों का प्रतिनिधि के रूप में भारत के गवर्नर जनरल ऑफ कार्यकारिणी परिषद ने विधि सदस्य के रूप में मनोनीत किया। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ तो भारतीय संविधान का प्रारूप उन्हीं की अध्यक्षता में तैयार हुआ और उन्हें आधुनिक भारत के मनु की संज्ञा दी गई।

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