छत्तीसगढ़

लॉकडाउन:भतीजी को अस्पताल ले जा रहे चाचे को पुलिस ने पीटा…खून से लथपथ युवक मदद के लिए लगाता रहा गुहार…थाने आने की बात कहकर निकल गए पुलिस वाले…

भिलाई(khabarwarrior)अपनी मासूम भतीजी को अस्पताल ले जा रहे एक युवक की रविवार दोपहर को भिलाई खुर्सीपार थाने के पुलिस वालों ने  बरबरता से पिटाई कर दी। युवक अस्पताल जाने की बात कहता रहा लेकिन पुलिस वाले कुछ सुनने को तैयार नहीं थे और जमकर लाठियां भांजते रहे। मारपीट से युवक को काफी चोटें आई हैं। युवक के चेहर से काफी खून भी निकला है। खून से लतफत युवक मदद के लिए गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस वाले थाने आने की बात कहते हुए निकल गए। घटना खुर्सीपार थाने की है।

 

भिलाई खुर्सीपार जोन-3 निवासी अतिक अंसारी की भतीजी की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गई। वह अपनी भाभी और भतीजी को लेकर कार से अस्पताल जा रहा था। घर से महज कुछ ही दूर केनाल रोड के पास पहुंचे थे कि पुलिस वाले 112 में पहुंचे। पुलिस वालों ने कार रूकवाई और युवक को बाहर निकलने को कहा। युवक जैसे ही बाहर निकला एक सिपाही उस पर लाठी भांजना शुरू कर दिया। युवक पुलिस वालों से भतीजी को लेकर अस्पताल जाने की बात कहता रहा लेकिन पुलिस वाले कुछ सुनने को तैयार नहीं थे और लाठी बरसाते रहे।

इस बीच एक पुलिस ने उनके चेहर पर मुक्के से वार कर दिया। युवक का चश्मा टूट गया और आंख के उबर काफी बड़ा कट लग गया। चश्मे की कांच से यह चोट आई है। युवक खून से लथपथ हो गया। युवक मदद के लिए गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस वाले थाने आओ कहकर निकल गए।

यह तो सुक्र था कि चोट आंख के उपर आई यदि आंख पर चोट लगती तो मुश्किल और बढ़ जाती।

इस घटना की युवक ने वीडियो भी बनाया है। मारपीट करने वाले पुलिस का नाम राजेश राव बताया गया है। वह खुर्सीपार थाने में सिपाही है। युवक जब थाने पहुंचा तो उस पर पुलिस वालों ने पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया है। साथ ही समझौता के लिए भी दबाब बना रहे हैं। समाचार लिखेजाने तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।

ज्ञात हो कि लॉकडाउन को और सख्त करने दुर्ग जिले में अभी तीन दिनों के लिए धारा 144 लगाया गया है। जिसका आज आखरी दिन है। इसबीच पुलिस वाले व्यवस्था बनाने गली-मोहल्लों के साथ ही प्रमुख चौराहों पर गश्त कर रही है। लेकिन खर्सीपार थाने के पुलिसकर्मी दादागीरी पर उतर आए हैं। सड़क पर निकलने वाले लोगों से कारण पूछे बगैर ही लाठियां भांज रहे हैं।

पुलिस का काम है कि लोगों से बाहर निकलने का कारण पूछे और संतुष्टिजनक जवाब ना मिलने पर ही सख्ती बरते।

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