छत्तीसगढ़राजनीति

कोरोना संकट: कांग्रेस ने पूछा, कहां हैं आरएसएस और कहां गई उनकी जनसेवा

भाजपा ने कहा- संघ को लेकर उनका अध्ययन ही नहीं,माफी मांगे कांग्रेस

रायपुर(khabarwarrior)प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कोरोना त्रासदी के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निष्क्रियता और चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जनसेवा का दम भरने वाले खाकी पैंटधारी आरएसएस के कार्यकर्ता कोरोना संकट के समय कहां लापता हो गए हैं?

उन्होंने पूछा है कि क्यों त्रासदी झेल रहे मज़दूरों की सहायता के लिए आरएसएस के लोग नहीं दिख रहे हैं और वे क्यों नहीं कह रहे हैं कि इस भीषण, पीड़ादायक के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी दोषी हैं.

मोहन मरकाम ने कहा है कि भारत को ठीक तरह से समझने वाले आरएसएस को क्या यह समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में मज़दूरों को सड़कों पर हज़ारों मील पैदल चलने के लिए मजबूर करके केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना से बड़ी एक समस्या खड़ी कर दी है।

उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने पहले बिना सोच विचार किए लॉक-डाउन पर लॉक-डाउन किया, लोगों से थाली ताली बजवाई, दीपक जलवाया फिर पुष्प वर्षा करवाई लेकिन देश के नाम किसी संबोधन में मजबूर और पीड़ा झेल रहे मज़दूरों का ज़िक्र तक नहीं किया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि हिंदू धर्म और हिंदुओं की रक्षा करने वाली संस्था आरएसएस इस समय कहां है जब करोड़ों मज़दूर लहुलुहान पैरों, भूखे पेटों और खाली जेबों के साथ सड़कों पर पैदल चल रहे हैं? उन्होंने कहा है कि क्या मोहन भागवत और आरएसएस के दूसरे पदाधिकारियों को यह नहीं दिख रहा है कि जैसे तैसे घर पहुंचने की कोशिश कर रहे श्रमिकों में से अधिकांश हिंदू धर्म के अनुयायी ही हैं.

मोहन मरकाम ने कहा है कि सच यह है कि हिंदुओं की भलाई का नारा दरअसल भाजपा को वोट दिलाने तक ही सीमित है वरना इस संगठन ने आज तक हिंदू धर्म के किसी अनुयायी का भला नहीं किया है.

उन्होंने कहा है कि यह किसी से छिपा नहीं है कि आरएसएस किस तरह से भाजपा को नियंत्रित और संचालित करती है। आज आरएसएस के नेताओं को बताना चाहिए कि देश को कोरोना संकट के समय में इस तरह के दूसरे भीषण संकट में डालने के लिए क्या उन्होंने सुझाव दिए थे? और यदि नहीं दिए थे तो आरएसएस चुप क्यों है?

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नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा : कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम माफी मांगें,
संघ को लेकर उनका अध्ययन ही नहीं है :

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का अध्ययन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में कुछ भी नहीं है, इसलिए वह इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। वे प्रदेश अध्यक्ष जैसे जिम्मेदार पद पर हैं और उन्हें कई विषयों पर अध्ययन करना चाहिए।

कौशिक ने कहा कि संघ का अपना गौरवमयी इतिहास है।संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष पूर्ण करने जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि संघ का जुड़ाव समाज के हर वर्ग से है। इस तरह से किसी एक धर्म विशेष के लिए उनकी टिप्पणी करना सही नहीं है, जिसकी जितनी निंदा की जाये कम है।

नेता प्रतिपक्ष  कौशिक ने कहा कि हर विपदा काल में संघ ने देश के साथ-साथ दुनियां के कई हिस्सों में अनुकरणीय कार्य है और संघ का विस्तार देश में ही नहीं, विदेशों में भी है। संघ में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक जुड़े हैं।इस करोना काल में भी संघ के कार्यकर्ता असंख्य सेवा कार्य में जुटे है।ऐसे सेवाभावी संगठन के बारे में प्रदेश अध्यक्ष मरकाम को दिये गये बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।

कौशिक ने कहा कि संघ के कार्यों को लेकर उनकी जानकारी अधूरी है। वो चाहे तो उससे जुड़े साहित्य उन्हें भेज सकते है।

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