छत्तीसगढ़

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के जनसंगठन करेंगे वनाधिकार मान्य किये जाने की मांग

रायपुर(khabarwarrior)विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को छत्तीसगढ़ के आदिवासी अधिकार और वनाधिकार पर काम करने वाले संगठन अलग अलग जिलों और गाँव मे वनाधिकार विशेषकर सामुदायिक अधिकार दिलाने की मांग करेंगे।

कोरोना संक्रमण काल मे सोशल डिस्टनेसिंग का पालन करते हुए अपने अपने गाँव में प्रदर्शन करेंगे। “वन स्वराज्य आंदोलन” के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में पर्यावरण बचाने का संदेश देंगे।

आंदोलनकर्ताओं  का मानना हैं कि पर्यावरण तभी बच सकेगा जब ग्रामसभाओं को जंगल बचाने का अधिकार मिलेगा, वन संसाधनों पर उनका नियंत्रण होगा।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में वनाधिकार मान्यता कानून के तहत ग्रामसभाओं को अभी तक सामुदायिक अधिकार नही मिले हैं जबकि प्रदेश सरकार ने चुनाव पूर्व जन घोषणा पत्र में यह अधिकार देने का वादा किया था । इसके उलट कुछ दिन पूर्व वन विभाग को वनाधिकार मान्यता कानून क्रियान्वयन का नोडल विभाग बना दिया गया था, जिसे संगठनों के विरोध के बाद वापिस लिया गया।

आंदोलन में भागीदारी के लिए आलोक शुक्ला-
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन व विजेंद्र अजनबी-
छत्तीसगढ़ वनाधिकार मंच ने अपील की हैै।

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