छत्तीसगढ़राजनीति

भाजपा को गौ माता,सनातन हिंदू धर्म और छत्तीसगढ़ से इतनी नफरत क्यों ? – आर पी सिंह

रायपुर(khabarwarrior)छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय से पूछा है कि आखिरकार भाजपा को गौमाता, सनातन हिंदू धर्म छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ की अस्मिता और छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह से इतनी नफरत क्यों है?
भाजपा का असली चेहरा अजय चंद्राकर के दो ट्वीट आने के बाद बेनकाब हो गया है। जिसमें उन्होंने गोवंश और छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिन्ह का अपमान किया है।

भारतीय जनता पार्टी चुनाव में अवसरवादिता का लाभ उठाते हुए हिंदुत्व और गौ सेवा का मुद्दा भुनाती रही है। लेकिन वास्तव में ना तो भारतीय जनता पार्टी के मन में हिंदुओं के प्रति कभी प्रेम रहा है और ना ही गौ माता के प्रति।

भाजपा शासनकाल में गोवंश की सैकड़ों की तादाद में हुई मौत और गौशाला प्रबंधक के रूप में भाजपाइयों की गिरफ्तारी यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा के मन में कभी भी गोवंश के प्रति आदर और सम्मान की भावना नहीं रही है।

ऐसी कौन सी वजह है जब गोवंश को सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक अभिनव योजना लेकर आते हैं जिसमें गोवंश को सुरक्षित रखने के लिए गोबर की खरीदी प्रस्तावित है और आगे चलकर सरकार गोमूत्र की खरीदी पर भी विचार कर सकती है, तब इस योजना का भाजपा के द्वारा इतना विरोध क्यों?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का राजकीय प्रतीक चिन्ह कोई सामान्य तस्वीर नहीं है बल्कि यह छत्तीसगढ़ की जनता के मान सम्मान और अस्मिता का प्रतीक है। यह प्रतीक चिन्ह हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर, फसल उत्पादन, विद्युत उत्पादन और समृद्धि वनों की विरासत से जोड़ता है।

छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह की तुलना गोबर से करके चंद्राकर जी ने अपनी मानसिक स्थिति और भाजपा के विचारों को स्पष्ट उजागर कर दिया।

देखना अब यह है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय क्या इसे गंभीरता से लेते हुए अजय चंद्राकर के ऊपर कोई कार्रवाई करेंगे या अपनी मौन सहमति प्रदान करेंगे।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा है कि अब वक्त आ चुका है जब भाजपा तय कर ले या तो वह गौ माता सनातन हिंदू धर्म और छत्तीसगढ़ वासियों के पक्ष में है या खिलाफ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ देश का पहला और एकमात्र ऐसा राज्य बनने जा रहा है जो पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए गोवंश का गोबर खरीदने जा रहा है। गोपालन को लाभप्रद बनाने और पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ में आगामी हरेली त्यौहार के दिन से गोधन न्याय योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना से गांव में रोजगार और अतिरिक्त आय के साधन बढ़ेंगे साथ ही गौ पालन और गोबर प्रबंधन से पशुपालकों को भी लाभ होगा। इस योजना के तहत निर्धारित दर पर गोवंश के गोबर की खरीदी होगी और इस से बनने वाली वर्मी कंपोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से की जाएगी।

गोबर की खरीदी दर तय करने के लिए 5 सदस्यीय मंत्री मंडल की कमेटी गठित कर दी गई है जो कि निर्धारित समय सीमा में अपने सुझाव राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करेगी। गोवंश के गोबर खरीदी प्रबंधन की देखरेख मुख्य सचिव की अगुवाई में सचिवों की कमेटी करेगी।

भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के वो ट्वीट जिस पर कांग्रेस ने उठाया सवाल और शुरू हुआ विवाद,

पहला-छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए,

दूसरा-25 जून को पूरा देश आपातकाल के विरोध दिवस के रूप में मनाता है…
-छत्तीसगढ़ शासन ने 25 जून को गोबर खरीदने का निर्णय लिया…
-अतः छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार को इस ऐतिहासिक दिन को “गोबर सैतो” (सैतो…. एकत्रीकरण) दिवस के रूप में मनाना चाहिए।

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