टीकाकरण को लेकर अमित जोगी की याचिका पर हाइकोर्ट ने शासन से 2 दिन में मांगा पूरा प्लान

डेस्क(khabar warrior)- 1 मई से 18-44 आयु वर्ग के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरूआत हो चुकी है। इस पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने अत्योंदय कार्ड धारियों को सबसे पहले टीका लगाने की घोषणा की थी और इसपर अमल भी शुरू हो गया है। इसी टीकाकरण पर आरक्षण के खिलाफ जनता कांग्रेस के प्रमुख अमित जोगी ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसपर आज सुनवाई की गई।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की बेंच में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने टीकाकरण में आरक्षण लागू करने पर सख्त एतराज जताया है। कोर्ट ने शासन को स्पष्ट किया है कि टीकाकरण में इस तरह का भेदभाव जायज नहीं है। हाई कोर्ट ने टीकाकरण में आरक्षण लागू करने पर सख्त एतराज जताया है। कोर्ट ने शासन को टीकाकरण को लेकर शासन को दो दिन में नई नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।
हस्तक्षेप याचिकाककर्ता किशोर भादुड़ी सहित अन्य अधिवक्ताओं ने टीकाकरण को लेकर शासन द्वारा आरक्षण लागू किए जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी टीकाकरण को लेकर प्राथमिकताएं तय की है। लेकिन, उसमें आरक्षण जैसी स्थिति नहीं है। शासन ने प्रदेश की जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है। सभी ने शासन के इस आदेश को तत्काल निरस्त करने व नई नीति बनाने की मांग की। सुनवाई के दौरान राज्य शासन का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को भी हाईकोर्ट ने सुना।
सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने शासन को दो दिन के भीतर टीकाकरण को लेकर स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही टीकाकरण को लेकर लागू किए गए आरक्षण पर एतराज जताया है। ऑनलाईन सुनवाई के बाद बहस करीब दो घंटे चली। याचिका में अमित जोगी सहित अन्य हस्तक्षेप याचिकाकर्ताओं की तरफ से अनुमेश श्रीवास्तव, सुमित सिंह, पलाश तिवारी व हिमांशु चौबे ने पक्ष रखा। मामले में हाई कोर्ट का अधिकारिक आदेश शाम तक जारी हो सकता है।



