अंतिम संस्कार के 4 दिन बाद भी अस्पताल के लोग बताते रहे मरीज को स्वस्थ, इस तरह हुआ घोर लापरवाही उजागर

महासमुंद(khabar warrior)- महासमुंद जिला अस्पताल के कोविड केयर सेंटर (जीएनएम) की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। कोविड केयर सेंटर में 10 अप्रैल को भर्ती मरीज का हाल चाल परिजनों के द्वारा पूछताछ करने पर मरीज को स्वस्थ्य बताते रहे, जबकि मरीज की मौत 12 अप्रैल को हो चुकी थी, और पुलिस ने शव लावारिस हालत में बेलसोंडा के पास बरामद किया था।
किसी तरह धीरे से ही सही मामला खुला तो स्वजनों को बुलाकर शव की शिनाख्त की गई। ये इंसानियत को तार तार करने वाला और घोर लापरवाही का मामला सरायपाली ब्लाक के गांव कोदोगुड़ा का है। गांव के ही निवासी चमरू सिदार (68) की तबियत बिगड़ने पर संजीवनी 108 की मदद से परिवार वालों ने ने जिला अस्पताल के जीएनएम सेंटर स्थित कोविड सेंटर भर्ती कराया था । उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल से चमरू यहां भर्ती कराया गया था। साथ में कोई अटेंडेंट जिला अस्पताल नहीं आए थे। बाद में चमरू की पुत्री व पुत्र शिवचरण हर दिन अस्पताल के नंबर पर फोन कर मरीज का नाम बताकर हाल चाल जानते रहे।
तब अस्पताल से सबकुछ अच्छा बताया जाता रहा।फिर 21 अप्रैल की शाम सरायपाली थानेदार का फोन परिवार को आया, बताया गया कि चमरू सिदार लापता है। जिससे परिजन पूछताछ करने में लगे। परिजन महासमुंद सिटी कोतवाली पहुंचे। स्वजन इस उम्मीद में कोतवाली पहुंचे कि उनके लापता पिता मिल गए हैं, यहां पहुंचने पर पुलिस ने 12 अप्रैल को बेलसोंडा मारुति शोरूम के पास मिले अज्ञात शव की तस्वीर दिखाई, जिसे देखकर चमरू के पुत्र शिवचरण ने उनके पिता होने की पुष्टि की।
इधर तीन दिन जिला अस्पताल के चीरघर में शव को रखने के बाद 15 अप्रैल को चमरू के लावारिस शव का मुक्तिधाम सेवा समिति द्वारा अंतिम संस्कार किया जा चुका था।
इस पूरे मामले से कोविड अस्पताल की अव्यवस्था का मामला उजागर हुआ है। मृतक के भतीजे रूपानंद सिदार ने बताया कि 19 अप्रैल तक कोविड केयर के नंबर पर फोन लगाकर पूछा जाता रहा तो हर बार वहां का स्टाफ हाल चाल ठीक होना बताते रहे।
मामला सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कहना है कि मामले में प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी। वहीं पुलिस प्रशासन ने बताया कि, 12 अप्रैल को हमने अज्ञात शव मारुति शो रूम के पास बरामद किया था। शिनाख्त न होने पर 15 को शव का अंतिम संस्कार किया गया। 21अप्रैल की शाम को कोविड सेंटर से लापता होने का मेमो आया, जिस पर स्वजनों को सूचना दी गई और फिर इस तरह की बातें सामने आई है।