राजनीति

प्रदेश सरकार बारदानों का रोना रोकर लगी नए षड्यंत्रों के जाल बुनने   : भाजपा

रायपुर (खबर वारियर) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने फिर दुहराया है कि प्रदेश सरकार धान ख़रीदी के लिए मांगे गए बारदानों के गठानों की संख्या में केंद्र सरकार पर कटौती का सरासर झूठा आरोप लगाकर प्रलाप कर रही है। साय ने कहा कि किसानों का पूरा धान ख़रीदने से मुँह चुराने और धान ख़रीदी की अवधि में कटौती करने के लिए प्रदेश सरकार नित-नए बहाने करने में लगी है।

साय ने कहा कि अपने किसान विरोधी चरित्र का परिचय देती आ रही प्रदेश सरकार को हर बार धान ख़रीदी के मामले में केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने की लत लग गई है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  साय ने कहा कि पिछले वर्ष भी किसानों का धान ख़रीदने के नाम पर इस नाकारा और किसान विरोधी सरकार ने तमाम प्रपंच रचे थे और किसानों को पूरे सत्र भर ख़ून के आँसू रुलाए थे। पिछले वर्ष भी प्रदेश सरकार अपनी नाक़ामी पर यह कहकर पर्दा डालती रही कि केंद्र सरकार केंद्रीय पूल में छत्तीसगढ़ का चावल कम ले रही है।

अब केंद्र सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में केंद्रीय पूल में लिए जाने वाले चावल की मात्रा बढ़ा दी है तो अब प्रदेश सरकार बारदानों का रोना रोकर धान ख़रीदी से बचने के नए षड्यंत्रों के जाल बुनने में लग गई है।

साय ने कहा कि बारदानों को लेकर प्रदेश की भूपेश सरकार और कांग्रेस के नेता फिर सरासर झूठ बोलने में लगे हैं, लेकिन भाजपा इस बार प्रदेश सरकार और कांग्रेस के राजनीतिक प्रपंच को चलने नहीं देगी।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष  साय ने कहा कि यह प्रदेश सरकार बदनीयती पर उतारू हो चुकी है। कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में सरकार को बारदानों को लेकर कोई शिकायत नहीं है और वहाँ लगातार रिकॉर्ड धान ख़रीदी हो रही है। धान ख़रीदी के लिए केंद्र सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ सरकार को भी सारी सुविधाएँ और सहयोग मिलने का बावज़ूद केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप करना कांग्रेस के कपटपूर्ण राजनीतिक आचरण का परिचायक है।

विष्णु देव  ने कहा कि भाजपा के सासनकाल में 01 नवंबर से धान ख़रीदी का शोर मचाने वाले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ख़ुद मुख्यमंत्री बनने के बाद दो साल से एक माह विलंब से धान ख़रीदी कर रहे हैं और उसमें भी नित-नए बहाने करके धान ख़रीदी से मुँह चुराते वे ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष  भाजपा  ने कहा कि बारदाने की कमी के लिए प्रदेश सरकार ख़ुद ज़िम्मेदार है। राज्य की राशन दुकानों से अब तक सवा दो करोड़ बारदाने वापस नहीं बुलाए गए हैं। दरअसल राज्य सरकार किसानों का पूरा धान ख़रीदना नहीं चाहती और इसीलिए तरह-तरह के बहाने बना रही है। साय ने कहा कि चालू खरीफ सत्र में देश में एक माह के भीतर ही धान की सरकारी खरीद दो करोड़ टन के पास पहुंच गई है।

केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस बार रिकॉर्ड 7.42 करोड़ टन धान की ख़रीदी होने का अनुमान जताया है। भाजपा की केंद्र सरकार किसानों की उपज का अधिक-से-अधिक हिस्सा खरीदना चाहती है इसलिए सभी उपाय किए गए हैं। पंजाब में अब तक 1.30 करोड़ टन धान की ख़रीदी हो चुकी है जबकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार यहां एक माह बाद धान ख़रीदने में भी चालबाज़ियों का सहारा ले रही है।

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