भारत और फ्रांस एयरफोर्स की एयर एक्सरसाइज कल से, राफेल, सुखोई समेत ये लड़ाकू विमान होंगे शामिल
दिल्ली(खबर वारियर)- भारत और फ्रांस की वायु सेनाएं (Indian And France air force) बुधवार को राजस्थान में पांच दिवसीय संयुक्त अभ्यास (Air Exercise) करेंगी, जिसमें कई विमान शामिल होंगे. इस अभ्यास में राफेल फाइटर जेट्स, मिराज 2000s, सुखोई -30, मिड-एयर रिफ्यूलर और एयरबोर्न शामिल हैं. चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AWACS) प्लेटफॉर्म, भी शामिल होंगे. भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि युद्धक विमान लाइन-अप में हिस्सा लेंगे.
जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर यह अभ्यास किया जा रहा है. भारतीय वायु सेना ने कहा “अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. भारत-फ्रांस के रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में, IAF और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल ने ‘गरुड़’ नाम के अभ्यास के छह संस्करणों का आयोजन किया है. इनमें से सबसे लेटेस्ट 2019 में रहा जो फ्रांस के एयरफोर्स बेस मोंट-डे-मार्सन में हुआ था.” सूत्रों ने बताया कि आगामी सैन्य अभ्यास ‘गरुड़’ श्रृंखला के अतिरिक्त है और संकेत देता है कि दोनों पक्ष आपसी सहयोग को बढ़ाने के इच्छुक हैं. उन्होंने बताया कि फ्रांसीसी सेना ‘स्काईरोस डिप्लॉयमेंट’ के तहत मौजूदा समय में एशिया में तैनात है और भारत के रास्ते आवागमन करेगी.
तैयारी करना अभ्यास का उद्देश्य
‘एक्स डेजर्ट नाइट-21’ नाम से यह हवाई सैन्य अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के मद्देनजर अपने सभी अग्रिम हवाई ठिकानों को किसी भी वक्त परिचालन के लिए तैयार रखा है. सूत्रों ने बताया, ‘‘ इस अभ्यास का उद्देश्य अभियान की तैयारी करना और युद्धक क्षमता को मजबूत करने के लिए बेहतरीन तरीकों को साझा करना है.’’
रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने कहा “निश्चित रूप से, एयर क्रू राष्ट्रों के बीच सैन्य अभ्यास से एक-दूसरे की संचालन प्रक्रियाओं की जानकारी की देते हैं, लेकिन वे टैक्टिकल लर्निंग से ज्यादा सामरिक संबंधों का प्रदर्शन करते हैं.”
उन्होंने कहा कि जोधपुर में हवाई अभ्यास भारत-फ्रांसीसी संबंधों का एक सिलसिला है जो कई दशक पीछे चला जाता है. बहादुर ने कहा, “यह देखना दिलचस्प होगा कि पोखरण फायरिंग रेंज के करीब होने के बाद भी कोई लाइव आर्मामेंट काम करता है या नहीं.”
भारत ने फ्रांस से लिए राफेल
उल्लेखनीय है कि अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए भारतीय वायुसेना ने पिछले साल जुलाई में पांच राफेल लड़ाकू विमान हासिल किये. सरकार द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों को 59 हजार करोड़ में खरीदने के लिए फ्रांस से करार किए जाने के चार साल के बाद इनकी आपूर्ति हुई और दूसरी कड़ी में तीन और राफेल विमान नवंबर में भारतीय बेड़े में शामिल हुए.