राजधानी

कर्मचारी-अधिकारियों के ज्वलंत मुद्दों पर शीघ्र निर्णय ले सरकार – कमल वर्मा

रायपुर (khabarwarrior) छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सरकार को आगामी मुख्य बजट में फेडरेशन के 14 सूत्रीय मांगों के समाधान हेतु प्रावधान करने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सरकार को आगाह किया है कि मंत्रालय में पदस्थ शासन के जिम्मेदार उच्च-अधिकारी, कर्मचारी-अधिकारियों को उनका हक देने के मामलों में केवल कागजी-घोड़ा दौड़ा रहे हैं,केवल फ़ाइल चला रहे हैं।मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन और समयबद्ध समाधान नहीं हो रहा है। मौलिक अधिकार से वंचित रखे जाने के कारण कर्मचारी एवं उसके परिवार में शासन की निरंतर उपेक्षा से आर्थिक संकट के कारण मायूसी छाई हुई हैं।

फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा,मुख्य प्रवक्ता विजय झा,प्रवक्ता बी पी शर्मा,सचिव राजेश चटर्जी,महामंत्री आर के रिछारिया व डॉ लक्ष्मण भारती,कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा एवं संगठन मंत्री संजय सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के साथ 70 संगठन सम्बद्ध है। सभी संगठनों के मुद्दों को 14 सूत्रीय माँगपत्र में शामिल किया गया था।

फेडरेशन के लिए लिपिक/शिक्षक/स्वास्थ्य कर्मचारी संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण का मामला हो;चाहे कर्मचारी/अधिकारी/पेंशनर्स को देय तिथि से महँगाई भत्ता स्वीकृति का हो;सातवे वेतनमान के बकाया एरियर्स का भुगतान हो;विभागों में लंबित पदोन्नति/समयमान हो;सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी/सहायक शिक्षक को तृतीय समयमान स्वीकृति का मामला हो, अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण का मामला हो; चार स्तरीय वेतनमान स्वीकृति का मामला हो, सातवे वेतनमान पर गृहभाड़ा भत्ता हो;छत्तीसगढ़ राज्य में पुराना पेंशन योजना लागू करने का मामला हो, कार्यभारित/आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों का मामला हो या पटवारियों का मामला हो अर्थात 14 सूत्रीय माँगपत्र में शामिल सभी मुद्दे हमारे लिए प्रमुख हैं। जिनमें से कुछ मुद्दों का निराकरण हुआ है और बहुत कुछ बाकी है।

यदि सरकार ने समाधानकारक निर्णय नहीं लिया तो प्रदेश में बजट सत्र के दौरान उग्र आंदोलन करने फेडरेशन बाध्य होगा।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से सम्बद्ध संगठनों के प्रांताध्यक्ष/महामंत्री ओंकार सिंह,चन्द्रशेखर तिवारी,पंकज पाण्डेय, बिन्देश्वर राम रौतिया, सत्येन्द्र देवांगन, डी एस भारद्वाज,मूलचंद शर्मा,शशिकांत गौतम,मनीष ठाकुर,आर एन ध्रुव,दिनेश रायकवार, प्रशांत दुबे, राकेश शर्मा, सत्यदेव वर्मा,अश्वनी वर्मा,राम सागर कोसले, मनीष मिश्रा,सुखनंदन यादव,बिरेन्द्र नाग,देवलाल भारती,राकेश सिंह,अजय तिवारी,यशवंत वर्मा,अश्वनी चेलक,श्रीमती रंजना ठाकुर, हरिमोहन सिंह,रमेश ठाकुर,रवि गढ़पाले,शंकर वराठे, दिलीप झा,नीरज प्रताप सिंह,सतीश ब्यौहरे,अनिल देवांगन,बजरंग मिश्रा,टार्जन गुप्ता,तुलसी राम साहू, होरीलाल छेदैय्या,गोपाल साहू, एम.एल.चन्द्राकर,केदार जैन,संजीव सिरमौर,उमेश मुदलियार,आमोद श्रीवास्तव, संतोष वर्मा आदि ने बताया कि……

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के *कलम रख, मशाल उठा आंदोलन* में 1 नवंबर 2020 को जिलों में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन;11 नवंबर 2020 को जिलों में वादा निभाओ रैली, धरना प्रदर्शन 19 नवंबर 2020 को रायपुर में *वादा निभाओ महारैली* ,8 अगस्त 2021 राजधानी रायपुर में वादा निभाओ अनशन;3 सितंबर 2021को एक दिवसीय *कलम बंद,काम बंद* आंदोलन कर सामूहिक अवकाश लेकर प्रदेश बंद,इंद्रावती बंद,समस्त जिला के शासकीय कार्यालय बंद किया गया।

तत्पश्चात 28 एवं 29 जनवरी को 14 सूत्रीय माँगपत्र में से दो सूत्रीय माँग क्रमशः केंद्र के समान 31 % महंगाई भत्ता एवं सातवे वेतनमान पर गृहभाड़ा भत्ता के मुद्दे को लेकर तहसील/ब्लॉक एवम् जिला स्तर पर सीएम के नाम ज्ञापन दिया गया।

28 जनवरी 22 से 10 फरवरी 22 तक दो सूत्रीय मौलिक अधिकार ट्विटर महाअभियान द्वारा मुख्यमंत्री को एक लाख ट्वीट किया गया था। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि आर्थिक रूप से संपन्न छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश के कर्मचारियों को सबसे कम महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।

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