छत्तीसगढ़

कथा के रूप में कथा के भाव को आत्मसात करें : कु.मीनाक्षी देवी वैष्णव

पीताम्बर मय  हो गया पूरा गाँव

दुर्ग (खबर वारियर) भागवत कथा जीवन को सरल, सहज , सुगम और उत्कृष्टता प्रदान करने वाली है, सहज रूप में जो पुण्य यज्ञ, जप, तप, दान, स्नान से भी प्राप्त नही हो पाता ,महज भागवत कथा श्रवण से हो जाता है। नवधा भक्ति में भी श्रवण के महत्व को सबसे पहले बताया गया है, बस जरूरत है कथा रूप में कथा के भाव को आत्मसात करने की।

अगर हम भाव को धारण कर चरित्र में उतार लें तो निश्चित रूप से हमारा आपका जीवन कृष्णमय होगा, राममय होगा, सरल जीवन के लिए कुछ करने की जरूरत नही बस सरल हो जाने की जरूरत है ।

दुर्ग जिला मुख्यालय के समीप ग्राम मड़ियापार के पावन धरा में आयोजित भागवत यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन सागर मंथन, देवासुर संग्राम, वामन अवतार, श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव का भावपूर्ण संगीतमय व्याख्या करते हुए कथा वाचिका कुं.मीनाक्षी देवी वैष्णव ने उपस्थित भागवत भक्तों को ज्ञान गंगा से सराबोर कर दिया।

कथा को विस्तार देते हुए, सागर मंथन प्रसंग में मीनाक्षी देवी ने कहा हमारा जीवन भी सागर है जिसके गर्भ में सुख,दुख, प्रेम ,घृणा अच्छाई, बुराई ,आभाव-प्रभाव सब छुपा है । मंथन ऐसे करें की अच्छाई रुपी अमृत अपने हिस्से कर लो जीवन सफल हो जायेगा। हर कोई चाहता है कि उनके घर कृष्ण जैसा संतान हो राम जैसा पुत्र हो तो पहले माता देवकी और यशोदा बनना होगा, कौशिल्या के रूप में आप निश्चित ही राम रतन पा सकते हैं। कथा के भाव को व्यवहार में लाकर देखिए, हर गांव गोकुल होगा हर नगरी अयोध्या नगरी होगा। कृष्ण जन्म के सजीव चित्रण से पुरा गाँव कृष्ण मय होकर झुम उठा।

आयोजक बद्री दास वैष्णव परिवार, शिष्यगण  एवं ग्रामवासियों ने सभी आगंतुकों का आभार करते हुए भागवत कथा लाभ हेतु श्रद्धालुओं से 6 से 14 जनवरी तक आयोजित कार्यक्रम में अधिकाधिक संख्या में उपाथिति के लिए निवेदन किया है।

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