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राज्य सरकार की गैरजिम्मेदाराना रवैय्या के कारण किसानों को पुराना बारदाना नहीं मिल रहा : जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर
राइस मिलरों के हड़ताल की वजह से नहीं हो रहा धान का उठाव

महासमुंद – बारदाने की कमी को लेकर हर गांव गली मोहल्ले में कोटवार के द्वारा मुनादी किया जा रहा है कि जिन किसान का टोकन कटा है वह अपना बारदाना स्वयं लेकर आये तब वह समिति में धान बेच सकते हैं उसी दिन उपज की बिक्री नहीं होने की दशा में उनका टोकन निरस्त हो सकता है ,जो किसानों के सामने बड़ी एक समस्या है क्योंकि टोकन संशोधन का विकल्प अभी नहीं बनाया गया है।
किसान नेता एवं जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर ने कहा कि किसान न बारदाना उगाते हैं और न ही बनाते हैं,यह समस्या जटिल है ,और इसको पैदा कर रही है डबल इंजन की सरकार क्योंकि पीडीएस का बारदाना लगभग खत्म हो गया है। अब राइस मिलर से बारदाना उठाने का था लेकिन छत्तीसगढ़ के राइस मिलर हड़ताल पर है इसका सबसे बड़ा कारण है 2 साल की मिलिंग का राशि राइस मिलर को नहीं मिला है और छत्तीसगढ़ के छोटे से लेकर बड़े राइस मिलर को कम से कम डेढ़ करोड़ से लेकर 3 करोड़ रूपया तक की राशि सरकार से लेना बाकी है 2 साल तक अगर इनकी मिलिंग का राशि नहीं मिला है तो इनका स्ट्राइक भी जायज है। किसान भाइयों को भी समझना होगा कि रबी फसल धान को राइस मिलर खरीदते हैं आज 2 साल से उनका पैसा नहीं मिला है इसलिए वह हड़ताल पर है।
जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने सरकार से मांग करते कहा कि राइस मिलर के पास पुराने बारदाने का स्टॉक भरा पड़ा है उनका स्ट्राइक खत्म कराएं और पुराना बारदाना जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ के सभी समितियां को प्रदान किया जावे ताकि पुराने बारदाने के लिए किसानों को भटकना न पड़े और धान खरीदी सुचारू रूप से चल सके।