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प्रदेश के 23 शिक्षक संघों ने अपनी इन मांगों को लेकर सरकार को दिया अल्टीमेटम,घेरेंगे मंत्रालय

विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण, क्रमोन्नति का जनरल आर्डर, पूर्व सेवा की गणना कर पेंशन, पदोन्नति हेतु केवल प्रशिक्षण है मुद्दे

रायपुर (खबरवॉरियर) प्रदेश भर के शिक्षक संघों ने प्रदेश में शासन द्वारा लागू किए गए युक्तियुक्तकरण नियम को विसंगतिपूर्ण  बताते हुए युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षकों का आक्रोश अब आंदोलन की राह पर है, राजधानी रायपुर स्थित मंत्रालय एवं संचालनालय में प्रदेश के 23 शैक्षिक संगठनों के प्रांताध्यक्षों और प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है।

संघों की ओर से चेतावनी दी गई है कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो 28 मई को मंत्रालय (महानदी भवन) का घेराव और धरना होगा, शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने इस दौरान युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को रद्द नहीं किया और शिक्षक संगठनों से बैठक कर समाधान नहीं निकाला, तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन की शुरुआत होगी, इस दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

ये हैं प्रमुख मांगें:

युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए,

सोना साहू प्रकरण की तर्ज पर सभी शिक्षकों को एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान मिले,

प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन बहाली हो,

प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रमोशन में बीएड की अनिवार्यता से छूट दी जाए, रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए, न कि सेटअप में कटौती,

2008 का सेटअप लागू करने की मांग

शिक्षक नेताओं ने बताया कि 2008 में जो सेटअप बना था, वह व्यावहारिक और व्यावसायिक दृष्टि से उपयुक्त है। उसके अनुसार प्राथमिक शालाओं में कम से कम तीन शिक्षक (60 बच्चों पर) तथा मिडिल स्कूलों में न्यूनतम पांच शिक्षक आवश्यक हैं। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी विषयानुसार पद स्वीकृत किए जाने चाहिए, कामर्स हेतु 2 शिक्षक अनिवार्य है, वर्तमान युक्तियुक्तकरण में इन मानकों की अनदेखी की जा रही है।

 ‘बर्दाश्त नहीं होगा यह अन्याय’

सभी 23 संगठनों के प्रांताध्यक्षों संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, मनीष मिश्रा, केदार जैन, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, जाकेश साहू, भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरद्वाज, प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरें, राजकिशोर तिवारी, कमलदास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, अनिल टोप्पो व धरमदास बंजारे ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि “बिना किसी सहमति के, शिक्षक संगठनों को विश्वास में लिए बगैर सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लागू करना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

शिक्षकों का एकजुट प्रदर्शन

ज्ञापन सौंपने और आंदोलन का अल्टीमेटम देने पहुंचे सैकड़ों शिक्षकों में शामिल सुधीर प्रधान, शैलेन्द्र पारीक, नारायण चौधरी, ओमप्रकाश सोनकला, जितेंद्र मिश्रा, पूरण साहू, नंद कुमार साहू, विनोद यादव, विद्या प्रसाद चंद्राकर, धर्मेश शर्मा, कृष्णराज पांडे, जितेंद्र शर्मा, सुधीर सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

अबकी बार आर-पार की लड़ाई

शिक्षकों संघों ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने आंदोलन को हल्के में लिया, तो यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदेशव्यापी शिक्षक आंदोलन होगा, जिसकी शुरुआत राजधानी रायपुर से होगी।

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