कालड़ा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुआ घुमंतू बाबा का निशुल्क आपरेशन

व्यावसायिकता के दौर में जनसरोकारों की मिशाल बनी कालड़ा मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल,
30 वर्षों में 50000 से अधिक लोगों का हुआ निशुल्क इलाज,
रायपुर(khabarwarrior)पचपेड़ी नाका स्थित कालड़ा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल इलाज के सांथ सांथ सामाजिक व जन सरोकारों के लिए जाना जाने लगा है। संस्था के संचालक डॉ. सुनील कालड़ा आज कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में भी अपनी सामाजिक सरोकारों को नहीं भूले हैं।
हॉस्पिटल के आंकड़ों के हिसाब से विगत 30 वर्षों में डॉ. कालड़ा द्वारा 50000 से अधिक लोगों का निशुल्क इलाज किया जा चुका है।और इसमे सामान्य जांच व इलाज से लेकर बड़े बड़े आपरेशन तक भी शामिल हैं।
डॉ. कालड़ा वर्षों से लगातार अपनी सामाजिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
कालड़ा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सामाजिक योगदान का एक और ताजा उदाहरण अभी अभी देखने को मिला जिसमे उन्होंने 30 साल से सड़क पर घूम रहे अर्ध विक्षिप्त घुमंतू बाबा के ट्यूमर का निशुल्क आपरेशन किया है।
डॉ. कालड़ा के अनुसार ताम्रध्वज उर्फ तामस जिसे शहर के लोग घुमंतू बाबा के नाम से जानते हैं वह काफी समय से अण्डकोष के फाइलेरिया से पीड़ित थे,तथा उनकी याददाश्त भी अब कमजोर हो चुकी है।उनके ट्यूमर का सफलता पूर्वक निशुल्क आपरेशन किया गया।
कौन है घुमंतू बाबा
वैसे तो ताम्रध्वज,उर्फ तामस जो अब घुमंतू बाबा के नाम से जाने जाते हैं ,मूलतः बिलासपुर के रहने वाले हैं और वह नामी वकील रह चुके हैं।लेकिन उसकी स्थिति ऐसी है कि वह अर्ध विक्षिप्त अवस्था में हैं और अब अपना नाम भी भूल चुके हैं शहर के लोग उसे 30 सालों से फुट पाथ पर देख रहे हैं।
‘कुछ फर्ज हमारा भी’
कुछ फर्ज हमारा भी वो सामाजिक संस्था है जो जमीनी स्तर पर घुमंतू बाबा जैसे पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आकर सहयोग प्रदान करते है। इन्होंने ही घुमंतू बाबा को सड़क से उठाकर कालड़ा हॉस्पिटल तक पहुंचाने का नेक काम किया।
संस्था के अध्यक्ष नितिन सिंह राजपूत ने बताया कि जब उन्हें बाबा के स्थिति की जानकारी मिली तो वह दूसरे दिन ही एम्बुलेंस बुलाकर कालड़ा हॉस्पिटल पहुंचाया फिर डॉ. कालड़ा द्वारा निःशुल्क व सफल आपरेशन किया गया।
इलाज के दौरान कुछ बाहरी दावाईयों में जो खर्च हुआ हैं उसे उनकी संस्था वहन कर रही है।और अब बाबा की मानसिक इलाज हेतु सेंदरी बिलासपुर के मनोचिकित्सालय में लेजाया जा रहा हैं, ताकि वह ठीक होकर सामान्य जीवन जी सके।आगे इलाज में जो भी खर्च होगा वह उनकी संस्था वहन करेगी।
इस नेक काम के लिए संस्था के लोगो ने कालड़ा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. सुनील कालड़ा व उनकी टीम को धन्यवाद देकर आभार भी जताया। वैसे शहर के लोग भी अस्पताल
प्रबंधन के सांथ ही
सामाजिक संस्था ‘कुछ फर्ज हमारा है’संस्था के सदस्यों के कार्यों की खूब सराहना कर रहे हैं।आज जब लोगों को अपने परिवार के सदस्यों के लिए समय नही है, ऐसे में शहर के पीड़ित लोगों के लिए सहारा बनना बहुत बड़ी बात है।