छत्तीसगढ़

वंचित पंजीकृत किसानों को धान बेचने का एक मौका दे सरकार-

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन की कार्यकारिणी की बैठक में किसानों के दमन और बल प्रयोग की हुई कड़ी निंदा…

दुर्ग(खबर वारियर)धान की सरकारी खरीदी की समय सीमा समाप्त होने के बाद हुए छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन की बैठक में धान खरीदी की स्थिति की समीक्षा की गई और इस बात पर चिंता व्यक्त किया गया कि सोसायटी में लिमिट निर्धारित करनें, रकबा घटाने, मौसम की प्रतिकूलता सहित अन्य कारणों से धान की सरकारी खरीदी प्रभावित हुआ है।

हजारों की संख्या में पंजीकृत किसान धान बेचने से वंचित रह गये हैं और राज्य में निर्धारित लक्ष्य से लगभग 3 लाख टन कम खरीदी हुई है, संगठन नें जिन जिलों में निर्धारित लक्ष्य से कम खरीदी हुई है उन जिलों के धान बेचने से वंचित किसानों को कम से कम एक मौका देने की मांग की है।

राज्य में धान बेचने के लिये 19 .5 लाख पंजीकृत किसानों में से 1 लाख किसानों ने सरकार को धान नहीं बेचा है सरकार को इन किसानों की पड़ताल करना चाहिये कि किन कारणों से सरकार को धान नहीं बेचा,
बैठक में धान खरीदने की मांग करने वाले कांकेर जिला सहित अन्य स्थानों पर बल प्रयोग करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा गया है कि कई परिस्थितियों में अनेक छोटे किसान सोसायटी में धान नहीं बेच पाते और कोचियों को धान बेचने के लिये मजबूर होते हैं।

सरकार की सख्ती और धरपकड़ के कारण ऐसे मजबूर किसानों को कठनाईयों का सामना करना पड़ा है सरकार को कोचियों के खिलाफ सख्ती करने के बजाय राज्य की सीमा पर और खरीदी केंद्रों में सख्ती करना चाहिये

प्रतिकूल मौसम के कारण रबी और उद्यानिकी फसलों को हुई क्षति के लिये प्रभावित किसानों को आरबीसी 6-4 के अंतर्गत राहत राशि दिया जाये

किसान संगठन की बैठक में प्रतिकूल मौसम के कारण रबी और उद्यानिकी फसलों को हुई क्षति का अब तक सर्वे नहीं करने के लिये शासन प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए तत्काल सर्वे करके प्रभावित फसल और किसान की सूची बनाने का काम शुरू करने और प्राकृतिक आपदा के कारण हुई क्षति के लिये आरबीसी 6-4 के प्रावधान के अनुसार राहत राशि प्रदान करने की मांग की गई है

सभी उपजों को प्रधानमंत्री फसल बीमा के दायरे में रखा जाए

बैठक में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किये गये संशोधन पर चर्चा की गई और योजना को ऐच्छिक किये जाने का किसानों के हितों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार विमर्श किया गया।

प्रगतिशील किसान संगठन  इस बात से आशंकित है कि योजना ऐच्छिक होने के कारण बीमित किसानों की संख्या अत्यंत कम हो जायेगी जिसके कारण बीमा कराने वाले किसानों पर बीमा प्रीमियम का भार बढ़ने की संभावना है, इसके अलावा बीमा नहीं कराने वाले किसान जोखिम से सुरक्षा से वंचित रह जायेंगे।

सरकार की यह नैतिक और वैधानिक दायित्व है कि प्राकृतिक आपदा के कारण जोखिम से किसानों को सुरक्षा प्रदान करे।

संगठन ने सरकार से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इस प्रकार संशोधन करने की मांग की है कि रिणी और अरिणी सभी किसान शत प्रतिशत किसानों को भार मुक्त बीमा योजना के सुरक्षा छतरी के दायरे में शामिल किया जा सके

बैठक में आई के वर्मा, एड. राजकुमार गुप्त, झबेंद्र भूषण वैष्णव, उत्तम चंद्राकर, परमानंद यादव, कल्याण सिंह ठाकुर, शंकर राव, संतु पटेल, दीपक यादव, पंचराम साहू, संतोष साहू, राजकुमार, राजेंद्र कुमार, मंगलूराम बघेल, ताकेश्वर आदि शामिल हुए।

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