छत्तीसगढ़

दुर्ग के शनिचरी बाजार में आवेदकों को मिला भूमि स्वामी का अधिकार

पट्टाधारियों को भूमिस्वामी हक मिलना शुरू, नवीनीकरण सहित कई परेशानियों से मिली मुक्ति

रायपुर(khabarwarrior) अपने पट्टे को भूमिस्वामी हक में परिवर्तित करने की नागरिकों को सुविधा देने मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की पहल का लाभ लेना नागरिकों ने आरंभ कर दिया है। इसके लिए अनेक आवेदन नजूल कार्यालय में आए हैं। यहां पर प्राप्त आवेदनों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। ऐसे कुछ आवेदकों को आज ही भूमि स्वामी हक प्राप्त हुआ।

दुर्ग जिले में डेढ़ महीने पहले शनिचरी बाजार में श्याम सेनेटरी के संचालक  अंकित गुप्ता ने अपने पट्टे में भूमिस्वामी हक के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन पर तेजी से कार्रवाई की गई और आज उन्हें भूमिस्वामी हक प्रदान किया गया।

अंकित ने बताया कि भूमिस्वामी हक मिलने से उन्हें बार-बार लीज के नवीनीकरण कराने के झंझट से मुक्ति मिल गई। साथ ही निश्चित रूप से भूमिस्वामी हक मिल जाने की वजह से प्रापर्टी का रेट भी पहले से बेहतर हो जाएगा। अंकित ने बताया कि उन्हें गाइडलाइन दर की कीमत का मात्र दो प्रतिशत जमा करना पड़ा और भूमि स्वामी हक उन्हें मिल गया।

अंकित के पिता रामशरण गुप्ता ने बताया कि बार-बार नवीनीकरण की प्रक्रिया में उलझना ठीक नहीं लगा। मुझे इस बात की भी आशंका हुई कि यदि किसी कारण से समय पर नवीनीकरण नहीं करा पाये या किसी तरह की अन्य परिस्थिति पैदा हो गई तो झंझट हो सकती है। ऐसे में सरकार ने भूमिस्वामी हक दिलाने की अनुपम पहल की है उसका लाभ उठाना चाहिए।

राज्य सरकार की योजना का मिल रहा लाभ

नजूल अधिकारी  अरुण वर्मा ने बताया कि भूमिस्वामी हक के लिए राज्य सरकार द्वारा लाई गई योजना के कई लाभ हैं। भूमिस्वामी हक मिलने से भूमि के प्रयोजन के संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जा सकती है। बैंक से लोन लिया जा सकता है। इसकी खरीदी-बिक्री में आसानी हो जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि भूमिस्वामी हक मिल जाने से प्रापर्टी का रेट भी बेहतर मिलने की संभावना बनती है।

राज्य शासन के आदेशानुसार गैर रियायती दरों पर आवंटित भूमि को गाइडलाइन की दर की कीमत की दो प्रतिशत राशि, रियायती दर पर आवंटित भूमि को गाइडलाइन दर की कीमत की 102 प्रतिशत राशि एवं अतिक्रमित भूमि को गाइडलाइन की दर की कीमत से 152 प्रतिशत राशि जमा करने पर भूमिस्वामी हक में परिवर्तन किया जा सकता है।

इससे नवीनीकरण करने की आवश्यकता नहीं होगी तथा नगर तथा ग्राम निवेश के भूमि प्रयोजन के अनुसार व्यावसायिक प्रयोजन पर परिवर्तित कर बैंक लोन ले सकते हैं तथा भूमिस्वामी के रूप में भूमि विक्रय भी सरलता से कर सकते हैं।

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