छत्तीसगढ़

कोरोना इफेक्ट:बीएसपी में लॉकडाउन का पालन नहीं होने से कर्मचारियों में रोष,3 यूनिट में किया काम बंद

भिलाई(khabarwarrior) भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के कोरोना वाइरस संक्रमण से बचाव  के लिए किए नाकाफी उपाय व  पूरे देश मे लॉकडाउन लागू होने के बाद संयंत्र में पालन नहीं करने को लेकर कर्मियों का रोष आज खुलकर सामने आ गया ।

सुरबह जब रेल मिल कर्मियों ने कोरोना वायरस के खतरे को भापते हुए आपसी एकजुटता एवं संयंत्र को हर संभव बचाने का संकल्प लेकर मिल के सी जी एम से मुलाकात की  एवं वातावरण से अवगत कराया एवं कहा कि  जान है तो जहान है। रेल मिल हमेशा से नए-नए कीर्तिमान और रिकॉर्ड बनाता रहा है,अभी कर्मियों की जिंदगी बचाना ही  सबसे बड़ा काम है ।कर्मियों की जिंदगी बचेगी  तो भविष्य में  और नए नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

अभी हम रोलिंग नहीं कर सकते कहकर उन्हें अवगत कराया तत्पश्चात रेल मिल के सभी कर्मी अपने अपने घरों को रवाना हुए ,और अब रेल मिल में काम बंद हो गया है।

बीएसपी के तीन यूनिट बन्द

रेल मिल की तरह ही संयंत्र के अन्य विभागों के कर्मियों में भी प्रबंधन के खिलाफ रोष व्याप्त है।और रेल मिल की तरह ही URM और सिंट्रिंग प्लांट 03 के कर्मियों ने भी प्रबंधन को कोरोना के खतरे से अवगत कराते हुए काम बंद कर दिया है।

जिस तरह कोरोना वायरस अन्य देशों में विकराल रूप लेता जा रहा है,वही भारत मे लॉक डाउन होने के बावजूद लगभग 40000 हजार श्रमिको से प्लांट चलवाना बहुत से सवाल खड़ा करता है।

भिलाई के खुर्सी पार ज़ोन 2 में कोरोना का मरीज पाया गया जिसके बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के श्रमिको में भय व्याप्त है। श्रमिको का सीधा सवाल है कि खुर्सीपार ज़ोन 2 में एक व्यक्ति में कोरोना का संक्रमण पाए जाने के बावजूद प्रबन्धन इस पर गम्भीर क्यो नही? क्या एक दो जान जाने के बाद चेतेगा प्रबन्धन? उनका सवाल वाजिब भी है।

भिलाई में कोरोना पॉजिटिव के मरीज मिलने के बाद  श्रमिको के बीच अब यह भय है कि पीडित से संपर्क में रहने वाले लोग प्लांट में ड्यूटी में आ रहे तो बहुत ही भयावह स्थिति निर्मित होगी जिसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।

जान है तो जहान है,कीर्तिमान बनाया है,बनाते रहेंगे,

श्रमिको की जान और उनकी सुरक्षा से बढ़ कर उत्पादन नही है। आज सारे देश मे कर्फ्यू जैसा माहौल है। पी एम ने साफ़ तौर से पूरे देश मे लॉक डॉउन किया है। वहीं संयंत्र में अनदेखी करना सही नही है। जरूरत होने पर श्रमिक आवश्यक सेवा के लिए तैयार है पर अनावश्यक रूप से ड्यूटी बुलाना सही नही है जिस पर प्रबन्धन को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। कर्मियों का कहना है कि हमने अनेक कीर्तिमान बनाया है,और बनाते रहेंगे इसके लिए सभी कर्मचारी संकल्पित हैं लेकिन इस समय जान बचाने ज्यादा आवश्यक हो हो गया है।

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