अब चावल से बनेगा एथेनॉल,मिली मंजूरी
अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर बनाने एवं एथनॉल मिश्रित पेट्रोल के लिए होगा उपयोग,
नई दिल्ली(khabarwarrior)देश में अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध अतिरिक्त चावल से एथनॉल बनाया जायेगा।
केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की बैठक में इसे मंजूरी दी।
राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 के तहत यह निर्णय लिया गया है। अतिरिक्त चावल से बनाये गए एथनॉल का इस्तेमाल एथनॉल मिश्रित पेट्रोल के उत्पादन में भी किया जायेगा।
अभी सिर्फ चावल से एथेनॉल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है,लेकिन यह स्पष्ट नही है कि एथेनॉल कहाँ के संयंत्र में बनाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार पहले छत्तीसगढ़ में उपलब्ध अतिरिक्त धान से बायोएथेनॉल के उत्पादन संयंत्र की स्थापना हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार से अनेक बार कर चुकी है अनुरोध,
प्रधानमंत्री को पत्र लिखे गए, केंद्रीय कृषि मंत्री, केन्द्रीय खाद्य मंत्री और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री से मुलाकात कर अनुरोध किया गया था ,लेकिन एक वर्ष के लिए अनुमति प्रदान करने की बात कही गई थी । यदि कोई निवेशक एक से डेढ़ सौ करोड़ रुपए का निवेश करके एक वर्ष के लिए संयंत्र लगाता है, तो यह उसके लिए लाभप्रद नहीं होगा।
यदि छत्तीसगढ़ को इथेनॉल उत्पादन की अनुमति मिलती है तो किसानों को बरसात के साथ-साथ गर्मियों के धान की भी अच्छी कीमत मिलेगी, पेट्रोलियम ईंधन पर खर्च होने वाला पेट्रो डॉलर की बचत होगी और एफसीआई पर भण्डारण का दबाव भी कम होगा।