
रायपुर(खबर वारियर)कोविड-19 के दौर में 4 तालाबंदी के बाद अब अनलॉक के बाद भी स्थति में सुधार नहीं आया हैं | लेकिन भाजपा के नेत्तृत्व वाली केंद्र सर कार करोना जैसे महामारी के दौर में भी इस संकट की आड़ लेकर देश की सम्पदा व मेहनतकश जनता के हितों की बलि चढ़ाने पर आमादा है ।
मोदी सरकार की इस जविरोधी हमलों के खिलाफ देश के समस्त केंद्रीय ट्रेड 9 अगस्त को 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन दिवस के दिन देश की आज़ादी की बुनियाद देश के सार्वजनिक संस्थाओं की निजी देश विदेशी पूंजी को बेचने अर्थात भारत जी आर्थिक आज़ादी की नीलामी के खिलाफ भारत बचाओ नारे के साथ कल देशव्यापी सत्याग्रह/ जेल भरो आंदोलन करेंगे । इस दिन छत्तीसगढ़ के मजदूर और किसान संगठन भी पूरे प्रदेश में भी जबर्दस्त विरोध कार्यवाही आयोजित करेंगे ।
ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच इंटक , एटक, सीटू, एकतू, एच एम एस, बैंक, बीमा, राज्य व केंद्र कर्मचारी, बी एस एन एल यूनियन के प्रतिनिधि इंटक अध्यक्ष संजय सिंह, एटक महासचिव हरनाथ सिंह, सीटू के अध्यक्ष बी सान्याल, महासचिव एम् के नंदी, एकतु महासचिव बृजेन्द्र तिवारी CZIEA के महासचिव धर्मराज महापात्र, बैंक कर्मी नेता शिरीष नलगोंडवार, डी के सरकर,एच एम एस के कार्यकारी अध्यक्ष एच एस मिश्रा, तृतीय वर्ग कर्म संघ अध्यक्ष राकेश साहू।
केंद्रीय कर्मचारियों के नेता दिनेश पटेल, मानिक राम राम,आशुतोष सिंह, राजेन्द्र सिंह, बीमा कर्मी नेता सुरेन्द्र शर्मा, अलेक्जेंडर तिर्की, वी एस एन एल के नेता भट्ट, एस टी यू सी के एस सी भट्टाचार्य ने प्रेस को जारी संयुक्त बयां में इस बात पर गहरा रोष व्यक्त किया कि 150 वर्षो के संघर्षो के बाद हासिल किये गए मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने के लिए श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय बदलाव करने साथ-साथ कई राज्यों में श्रम कानूनों की सुरक्षा को निलंबित करने का काम कर रही है|
इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का विनिवेश करने तथा थोक में उनका निजीकरण करने रेलवे, प्रतिरक्षा, गोदी तथा बंदरगाह, कोयला, एयर इंडिया, बैंको, बीमा आदि निर्णायक महत्व के सेक्टरों में 100 प्रतिशत एफ डी आई लाने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कोविड-19 के आवरण की ओट ली हैं |
भाजपा के आत्मनिर्भर नारे के पीछे उसका इरादा आदिवासियों व आम जनता के संसाधनो और देश के व्यापार को हड़पने के लिए भारतीय तथा विदेशी ब्रांड के कॉर्पोरेट घराने के पक्ष में कदम उठाना है | कोयला उद्योग में नीलामी भी इसका उदाहरण है प्रदेश के 9 कोल ब्लॉक भी उसमें शामिल है ।
केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को फ्रीज करने और 68 लाख पेंशनधारियो के महगाई भत्ते को फ्रीज करने के फैसले का नतीजा बुरा होगा |
केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ का पैकेज पीड़ित लोगो के साथ एक धोखा और क्रुर मजाक है क्योंकि इसमें मुख्यत: विभिन्न क्षेत्रों के लिए केवल ऋण की गारंटी है| उसी प्रकार कमर्शियल माइनिंग के साथ बैंक बीमा जैसे सार्वजनिक संस्थाओं को निजीकरण की इर धकेलने का गैर क़ानूनी और राष्ट्रविरोधी फैसला इस सरकार के मनसूबे को स्पष्ट करता है |
इसी पृष्टभूमि में देश के ट्रेड यूनियन आंदोलन ने निम्नलिखित मांगो को लेकर आगामी 9 अगस्त को देशव्यापी भारत बचाओ दिवस का आह्वान किया है |
मांगे:-
1) इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आने वाले सभी लोगो के बैंक अकॉउंट में अगले 6 माह तक साढ़े 7 हजार रुपये ट्रांसफर किये जाये|
2 ) सभी जरुरतमंद परिवार के व्यक्तियों को निशुल्क 10 किलो अनाज उपलब्ध कराया जाये|
३) सभी प्रवासी कामगारों को भोजन और काम दिए जाने की गारंटी की जाये |
4 ) सार्वजनिक स्वास्थ सेवा को सभी के लिए लिए मजबूत किया जाये |
5)कमर्शियल माइनिंग का फैसला वापस लिया जाये|
6 )सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको का विलय करने की नीति पर रोक लगाई जाये |
7 ) PF के ब्याज दर को कम करने का फैसला वापस लिया जाये|
8 ) कोरोना वारियर्स के वर्करों को व्यापक सुरक्षा मुहैय्या कराये जाये
9 ) ट्रेड यूनियनों के 12 सूत्री मांग पत्र पर अविलम्ब करवाई शुरू किया जाये |
रायपुर में संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेतागण कोवीड नियमों और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए कल रेलवे और उसके सभी संसाधनों का भी निजीकरण किया ज रहा है इसलिए केंद्र सरकार के रेलवे वर्कशॉप के समीप रेलवे इंस्टीट्यूट मैदान डब्लयू आर एस कालोनी में दोपहर 12 बजे से सत्याग्रह करेंगे ।