छत्तीसगढ़

महिलाओं के सशक्तिकरण से लैंगिक समानता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश में टॉप पर

एसडीजी इंडेक्स में छत्तीसगढ़ का राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन

रायपुर(khabar warrior)- नीति आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए जारी एसडीजी इंडेक्स में छत्तीसगढ़ ने महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, रोजगार, अवसरों की समानता, संस्कृति के संरक्षण तथा विकास, न्याय समेत अनेक क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इन क्षेत्रों में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2020-21 में राज्य का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

लैंगिक समानता तथा महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण में राज्य का स्कोर वर्ष 2018 में 49 तथा रैंकिंग में तीसरा स्थान था, जबकि वर्ष 2020-21 में राज्य का ने 64 स्कोर प्राप्त करते हुए प्रथम रैंक हासिल किया है। सभी के लिए रोजगार तथा आर्थिक विकास के बिन्दु पर वर्ष 2018 के स्कोर 56 की तुलना में इस बार 64 अंकों का स्कोर प्राप्त हुआ है, जबकि रैंकिंग में 21वें स्थान से लंबी उछाल लगाकर अब 8वां रैंक हासिल किया है।

राज्य सरकार की जनोन्मुखी योजनाओं जैसे नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी एवं राजीव गांधी न्याय योजना के कारण रोजगार के नए अवसर खुले हैं, जिसके कारण प्रदेश में आर्थिक प्रगति हुई है। इसी तरह रिपोर्ट में यह भी परिलक्षित होता है कि राज्य सरकार की योजनाओं के कारण नागरिकों के जीवन स्तर में असमानता में कमी आई है। इसी तरह राज्य में शांति, न्याय की स्थिति में सुधार तथा संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण हुआ है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने असमानता में कमी लाने के प्रयासों में भी लंबी छलांग लगाई है। वर्ष 2018 में 17वीं रैंकिंग हासिल हुई थी, जबकि इस बार 8वां रैंक मिला है। सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर सुनिश्चित करने के मामले में राज्य का स्कोर वर्ष 2018 में 53 तथा रैंकिंग में 18वां स्थान था, इस बार राज्य का स्कोर 55 तथा 15वां रैंक हासिल हुआ। सतत् विकास और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने, समावेशी समाज का निर्माण करने के मामले में वर्ष 2018 के स्कोर 65 की तुलना में इस बार 71 अंक का स्कोर प्राप्त हुआ है। रैंकिंग भी 20 से सुधरकर 17 हो गई है।

वन, वन्य-जीवन एवं जलीय निकायों का संरक्षण, पुनर्स्थापन तथा जमीनी पर्यावरणीय तंत्र का सतत उपयोग करने, जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्यवाही करने, स्थायी उपभोग और उत्पादन प्रणाली को सुनिश्चित करने, शहरों एवं मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित एवं सहनशील व सतत् बनाने, सुदृढ़ अधोसंरचना के निर्माण से समावेशी एवं सतत् औद्योगीकरण व नवाचार को प्रोत्साहन देने, सभी के लिए सस्ती, भरोसेमंद, सतत और आधुनिक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने, सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने, भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा, बेहतर पोषण और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने, गरीबी उन्मूलन आदि के मामले में भी छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

इसी तरह राज्य सरकार के पोषण अभियान, हाट बाजार क्लिनिक योजना, मोहल्ला क्लिनिक योजना के कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2018 में सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ का स्कोर 42 था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 60 हो गया है। सभी के लिए सस्ती, भरोसेमंद, सतत और आधुनिक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने में छत्तीसगढ़ का स्कोर वर्ष 2020-21 में 36 से बढ़कर 78 हो गया है। जो यह दर्शाता है कि प्रदेश में सोलर पम्प योजना और ऊर्जा की सतत उपलब्धता के कारण छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

इसी तरह सुदृढ़ अधोसंरचना के निर्माण से समावेशी एवं सतत औद्योगिकरण व नवाचार को प्रोत्साहन के मामले में छत्तीसगढ़ का स्कोर वर्ष 2020-21 में 30 से बढ़कर 36 हो गया है। जो यह दर्शाता है कि राज्य में औद्योगिकरण एवं नवाचार को प्रोत्साहन दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने, कानून व्यवस्था में सुधार के कारण राज्य को समावेशी, सुरक्षित एवं सहनशील बनाने के प्रयासों के कारण वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ का स्कोर इस क्षेत्र में 54 से बढ़कर 78 हो गया है।

ज्ञातव्य है कि नीति आयोग द्वारा वर्ष 2030 तक के लिए भारत और उसके राज्यों की एसडीजी की प्रगति को मापने के लिए एसडीजी इंडेक्स तैयार की गई है। एसडीजी इंडेक्स का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंड़ों पर देश, राज्यों तथा केन्द्र शासित क्षेत्रों की प्रगति का मूल्यांकन करना है।

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