छत्तीसगढ़

पी डब्लू डी मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ही सड़क निर्माण में भूमि अधिग्रहण बिल 2013 का नही किया गया पालन ,प्रभावित ग्रामीणों में असंतोष,करेंगे आंदोलन

दुर्ग(khabar warrior)- ‌ ए डी बी छत्तीसगढ़ राज्य सड़क परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन ठेलकाडीह दुर्ग मार्ग उन्नयन एवं चौड़ीकरण का कार्य राज्य सरकार के पी डब्लू डी विभाग द्वारा किया जा रहा है जिसमें ग्राम बोरई, नगपुरा, मालूद, बेलौदी, चिखली गांव के ग्रामीणों का मकान, दुकान, खलिहान और खुली भूमि प्रभावित हो रहा है, जो कि आबादी पट्टे (मुख्यमंत्री आबादी पट्टा)का है‌ या उनके स्वयं की लगानि भूमि है रोड के निर्माण में भू अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूरी तरह नजरंदाज किया जा रहा है।

लगानी भूमि और पट्टे की भूमि को सरकारी दर्शाकर मुआवजा से वंचित किया जा रहा है, सिर्फ प्रभावित संरचना का पुनर्निर्माण हेतु राहत राशि दी जा रही है, ढांचे के मूल्य निर्धारण में भी अनेक विसंगतियां है,

एक ही सड़क के निर्माण में एक गांव के प्रभावितों को आबादी पट्टे की भूमि का मुआवजा दिया जा रहा है जबकि अन्य गांवों में आबादी पट्टे की भूमि को सरकारी बताकर प्रभावितों को मुआवजा राशि से वंचित किया जा रहा है, और तो और एक ही जिले के पाटन ब्लाक और दुर्ग ब्लाक में विभाग द्वारा मुवावजे के निर्धारण में भेद भाव किया गया।

सड़क निर्माण से प्रभावित ग्रामीणों द्वारा पिछले 5-6 माह से न्याय की मांग करते हुए परियोजना विभाग पी डब्लू डी, एसडीओ, कलेक्टर और मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक ताम्रध्वज साहू तक गोहार लगा रहे हैं किंतु प्रभावितों को अभी तक राहत नहीं मिल सकी है और अब मकान खाली करने बेजा दबाव बनाया जा रहा है, इससे लोगों में आक्रोश है और आंदोलन करने पर विचार कर रहे हैं।

इस संबंध में प्रभावित ग्रामिणों ने छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में कलेक्टर दुर्ग को स्मरण पत्र सौंपते हुए आग्रह किया कि , मामले पर अविलंब संज्ञान लेते हुए लंबित आवेदनों का न्याय पूर्वक निराकरण किया जाए।

प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना पेन्डेमिक काल में हम किसी तरह का आंदोलन नही चाहते , यदि प्रशासन शीघ्र उचित मुआवजे को लेकर कार्यवाही नही करती है तब सड़क हमारी मजबूरी होगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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