डेस्क (khabar warrior)- उत्तर प्रदेश में पहले ही कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के पाए जा चुके हैं। अब, राज्य में पहली बार वायरस के एक नए वेरिएंट यानी कप्पा वेरिएंट (Kappa Variant) के मरीज का पता चला है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एक 66 वर्षीय व्यक्ति में कप्पा वेरिएंट पाया गया। वह व्यक्ति 27 मई को कोरोना वायरस के कप्पा वेरिएंट के लिए पॉजिटिव पाया गया था और उसे 12 जून को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
उसने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के ठीक दो दिनों बाद अपनी अंतिम सांस ली। बता दें कि 13 जून को जीनोम अनुक्रमण लैब में नए वेरिएंट कप्पा का पता चला था और सैंपल नई दिल्ली में CSIR के जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान को भेजा गया था।
क्या है कप्पा वेरिएंट ?
हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि डेल्टा वेरिएंट बी.1.617.2 के दूसरे म्यूटेशन को कप्पा वेरिएंट यानी बी.1.617.1 कहा जाता है। नए वेरिएंट को अप्रैल 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा VoI के रूप में नामित किया गया था। एचटी ने आगे कहा कि WHO के अनुसार, एक VoI एक वेरिएंट है जिसे सामुदायिक प्रसारण / कई कोरोना मामलों / समूहों को करने के लिए पहचाना गया है या विभिन्न देशों में पाया गया है।
सबसे पहले, भारत में कप्पा वेरिएंट का पता चला था, और 30,000 के करीब संचयी नमूनों में से 3,500 से अधिक भारत द्वारा GISAID पहल को प्रस्तुत किए गए हैं, जो कोरोना के विभिन्न वेरिएंट का एक पूरा डेटाबेस रखता है। कप्पा वेरिएंट का पिछले 60 दिनों में भारत द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी कोरोना वायरस नमूनों का 3% आया है।
GISAID डेटाबेस के अनुसार, भारत कप्पा वेरिएंट के लिए नमूने जमा करने में सबसे आगे है, इसके बाद यूके, यूएस, कनाडा आदि आते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि कप्पा वेरिएंट भारत में नया नहीं है क्योंकि इसका पहली बार अक्टूबर 2020 में पता चला था। WHO के लिए, कप्पा वेरिएंट लैम्ब्डा वेरिएंट (Lambda variant) की तरह चिंता का प्रकार नहीं है, बल्कि यह रुचि का एक प्रकार है।