छत्तीसगढ़

असीम संभावनाओं के साथ पर्यटकों को लुभा रहा है छत्तीसगढ़ का नैसर्गिक सौंदर्य

कोरोना महामारी के बाद भी एक साल में 1.15 करोड़ सैलानी पहुंचे छत्तीसगढ़

आलेख: मनोज सिंह, ‘सहायक संचालक’✍️


रायपुर: पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ अत्यंत समृद्ध राज्य है। छत्तीसगढ़ की धरती वन और खनिज संपदा से भरपूर तो है ही इसके साथ ही यहां की कला, संस्कृति और पर्यटन स्थल भी आकर्षण के केन्द्र है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन और छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा प्रदेश में पर्यटन विकास एवं पर्यटकों की गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि कोविड महामारी के दौर से उबरने के बाद छत्तीसगढ़ में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2021 में भारतीय और विदेशी मिलाकर 1 करोड़ 15 लाख 32 हजार सैलानियों ने छत्तीसगढ़ का भ्रमण किया है।

कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के इस दौर में केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व की अर्थ व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। किसी भी राज्य के आर्थिक विकास में पर्यटन की विशेष भूमिका होती है और वर्तमान दौर में पर्यटन उद्योग आर्थिक रूप से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। लेकिन इन सबके बावजूद छत्तीसगढ़ शासन ने विकास की गति को अवरूद्ध नहीं होने दिया है।

लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की पर्यटन नीति 2020 तैयार की गई है। इस पर्यटन नीति के तहत मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करना, ग्रामीण पर्यटन का विकास करना स्थानीय लोगों को गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत पर्यटन उद्योग से जोड़ना है ताकि पर्यटन विकास के सार्थक परिणाम मिल सके।

पर्यटकों के लिए होमस्टे की योजना पर कार्य किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण अंचल और जनजाति समुदाय की जीवन शैली, परिवेश और स्थानीय खानपान से पर्यटकों को अनुभव प्राप्त हो सके।

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ निर्माण के प्रथम चरण में 9 स्थलों का चयन कर विकास कार्यों हेतु भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी और जांजगीर के शिवरीनारायण में विकास कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।

छत्तीसगढ़ में लगभग 138 स्थल पर्यटन स्थल के रूप में रूप में चिन्हित है। पर्यटन के बहुआयामी क्षेत्र में विशेषकर जनजातीय अंचलों में स्थित चुनिंदा पर्यटन स्थलों में खान-पान एवं आवास की बेहतरीन सुविधायुक्त होटल, मोटल, रिसॉर्ट एवं रेस्टोरेंट का निर्माण कर पर्यटकों को सुविधाएं दी जा रही है।

भारत के हृदय स्थल में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर में सतपुड़ा पहाड़ियों का उच्चतम भूभाग है तो मध्य में महानदी तथा उसकी सहायक नदियों का मैदानी भाग है। इसके दक्षिण में बस्तर का विस्तृत पठार है।

छत्तीसगढ़ प्राचीन स्मारकों, दुर्लभ वन्य प्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, बौद्ध स्थलों, राजमहलों, जलप्रपातों, गुफाओं एवं शैलचित्रों से परिपूर्ण है। यहां ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थल है।

यहां राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य प्राणी अभ्यारण्यों के साथ-साथ गौरवशाली लोक संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण भी है। बस्तर क्षेत्र में कुटुमसर गुफा एवं कांगेर घाटी, राष्ट्रीय उद्यान, चित्रकोट जलप्रपात महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो अपनी अद्भुत छटा के कारण पर्यटकों का दिल जीत रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के बारे में पर्यटकों को सुलभ जानकारी उपलब्घ कराने तथा पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए व्यक्तिगत एवं टूर पैकेज के अन्तर्गत आरक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा नई दिल्ली, गुजरात मध्य प्रदेश के अतिरिक्त प्रदेश में 11 स्थानों पर पर्यटन सूचना केन्द्र स्थापित किया गया है।

(लेखक छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं।)

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