छत्तीसगढ़

समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया को किया याद, शहीद-ए-आजम को श्रद्धासुमन अर्पित

भिलाई(khabar warrior)- लोकनायक जयप्रकाश नारायण प्रतिष्ठान, आचार्य नरेंद्रदेव स्मृति जनअधिकार अभियान समिति एवं चंद्रशेखर फाउंडेशन की ओर से समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया की 112 वीं जयंती मंगलवार की सुबह एचएसएससीएल काॅलोनी रूआबांधा स्थित प्रतिष्ठान में आयोजित की गई।

इस दौरान डॉ. लोहिया के साथ आजादी के दीवाने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत का नमन किया। उपस्थित लोगों ने पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष आर पी शर्मा ने कहा कि विगत कुछ सालों में लोकतंत्र पर खतरा बढ़ते जा रहा है।

यह खतरा संविधान के लिए चुनौती बन गया है। इससे निपटना वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में असंभव सा प्रतीत हो रहा है, उन्होंने लोहिया जयप्रकाश नारायण और डॉ. अंबेडकर का स्मरण करते हुए उनके विचारों को आगे बढ़ाए जाने की बात कही।

पत्रकार सहदेव देशमुख ने कहा डॉ. लोहिया की जयंती और सरदार भगत सिंह की शहादत का दिन एक ही है और इन दोनों के विचार ही देश में लोकतंत्र को संरक्षित रख सकते हैं। समाजवादी नेता त्रिलोक मिश्रा ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक दृश्य इतना बदल गया कि किसानों को भी अपनी मांग के लिए चार महीने से आंदोलन करना पड़ रहा है।

डॉ. लोहिया ने 1962 में ही काम बांधो-दाम बांधो का नारा देकर अर्थव्यवस्था को संतुलित करने की दिशा में पहल की थी। सभा को टीए आंदोलनकारी कुलदीप सिंह, सुबेदार सिंह यादव और किताबुद्दीन ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर नंदकिशोर साहू, सुजाय राय, कपिल देव प्रसाद, धीरेंद्र साहू, खिलावन देवांगन, गयूर सिद्दीकी, मिलिंद कुमार, गुणमणि बाघ, अरविंद कुमार, महेंद्र महतो और नागेंद्र प्रसाद सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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