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Indian Railway की ग्रीन रेलवे योजना, बंद हो जाएगा डीजल इंजन

दिल्ली(खबर वारियर)- भारतीय रेलवे ने साल 2030 तक ग्रीन रेलवे में बदलने का लक्ष्य रखा है. ऐसा मकाम हासिल करने वाली भारतीय रेल दुनिया की पहली रेलवे होगी. रेलवे सीईओ वी के यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारतीय रेलवे ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी कई पहल की है. भारतीय रेलवे रूफटॉप सोलर पैनल (डेवलपर मॉडल) के माध्यम से 500 मेगा वाट ऊर्जा की क्षमता पर काम कर रहे हैं. अब तक 900 स्टेशनों सहित विभिन्न इमारतों की छत पर 100 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए गए हैं. 400 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाले सौर संयंत्र निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं. निविदाएं पहले से ही 245 मेगावाट के लिए प्रदान की जाती हैं और इन संयंत्रों को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2022 है.

खुद से बंद हो जाएंगी स्टेशन की लाइट्स

रेलवे सीईओ ने बताया कि स्मार्ट स्टेशन पर तेजी से काम हो रहा है. भारतीय रेलवे ने बिजली बचाने के लिए कई अनूठी पहल शुरू की है. ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर 100 फीसदी लाइट्स जलेंगी और जाने पर 50 फीसदी लाइट्स खुद से बंद हो जाएंगी. पश्चिम रेलवे के जबलपुर, भोपाल और नरसिंहपुर स्टेशन पर यह व्यवस्था शुरू की गई है. इससे ऊर्जा की खपत कम होगी और बचत ज्यादा होगी. रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

पवन ऊर्जा पर भी काम चालू-

पवन ऊर्जा क्षेत्र में 103 मेगावाट पवन आधारित बिजली संयंत्रों को पहले ही चालू कर दिया गया है. इनमें 26 मेगावाट राजस्थान (जैसलमेर) में, 21 मेगावाट तमिलनाडु में और 56.4 मेगावाट महाराष्ट्र (सांगली) में है. भारतीय रेलवे ने तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में अगले दो वर्षों में 200 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है.

जलवायु परिवर्तन में अपनी भूमिका का एहसास करते हुए भारतीय रेलवे ने इमारतों और स्टेशनों की 100 प्रतिशत एलईडी रोशनी जैसी अन्य हरित पहल शुरू की है. ग्रीन इनिशिएटिव्स के क्षेत्र में भारतीय रेलवे में 2,44,000 से अधिक जैव-शौचालयों के साथ कुल 69,000 कोच लगाए गए हैं.

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