छत्तीसगढ़

याद किया : नरेंद्र देव, सरदार पटेल और इंदिरा का देश के प्रति योगदान

जेपी परिसर रूआबांधा में हुआ कार्यक्रम, समाजवादी नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भिलाई(खबर वारियर) देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार पटेल की 145 वीं जयंती एवं समाजवादी विचारधारा के प्रेरक व्यक्तित्व आचार्य नरेंद्र देव की 131 वीं जयंती तथा भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के 36 वें शहादत दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।

आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति के तत्वावधान में भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान एचएससीएल कालोनी रूआबांधा में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। सबसे पहले तीनों विभूतियों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

आचार्य नरेंद्र देव के व्यक्तित्व का उल्लेख करते हुए संयोजक आरपी शर्मा ने कहा कि वे एक प्रमुख स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, साहित्यकार एवं शिक्षाविद होने के साथ-साथ कांग्रेस समाजवादी दल के प्रमुख सिद्धान्तकार थे। विलक्षण प्रतिभा और व्यक्तित्व के धनी आचार्य नरेन्द्रदेव अध्यापक के रूप में उच्च कोटि के निष्ठावान अध्यापक और महान शिक्षाविद् थे। काशी विद्यापीठ के आचार्य बनने के बाद से यह उपाधि उनके नाम का ही अंग बन गई। देश को स्वतंत्र कराने का जुनून उन्हें स्वतंत्रता आन्दोलन में खींच लाया और भारत की आर्थिक दशा व गरीबों की दुर्दशा ने उन्हें समाजवादी बना दिया।

शर्मा ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के गृहमंत्री के तौर पर देश के एकीकरण मंे किए गए प्रयास और भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक मजबूत भारत बनाने में किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण ने सिर्फ उसूलों की लड़ाई लड़ी और कभी भी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर व्यक्तिगत रूप से कोई टीका-टिप्पणी नहीं की।

शर्मा ने मौजूदा परिस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र सहित तमाम सार्वजनिक उपक्रमों का वैधानिक स्वामित्व राष्ट्रपति के नाम हुआ करता था लेकिन आज की परिस्थिति देखकर ऐसा लग रहा है कि यह स्वामित्व सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री के पास चला गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कृषि बिल देश और किसान को कार्पोरेट के हाथों बेचने वाला है।

समाजवादी नेता त्रिलोक मिश्रा ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी को उनके विचारों की दृढ़ता की वजह से हमेशा याद किया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह ने वर्तमान राजनीतिक परिवेश में आचार्य नरेंद्र देव के विचारों की प्रासंगिकता पर अपनी बात रखी। चंद्रशेखर जनबंधु ने घटते सार्वजनिक रोजगार के अवसरों के बीच स्वरोजगार का महत्व बताया।

इस कार्यक्रम में अब्दुल फरीद, एलके वर्मा, मोतीचंद सिंह, त्रिलोक मिश्रा, आर एस सिंह, मिश्री राम रजक, महेंद्र महतो, किताबुद्दीन, खिलावन देवांगन, ए. मलैय्या, केएन सिंह, बीएल शर्मा व एसएन प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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