छत्तीसगढ़

बेकरी, गैस एजेंसी एवं बायो फ्यूल्स में हुई ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई

1,599 नग गैस सिलेण्डर एवं 25,964 लीटर तथाकथित बॉयो डीजल जप्त

रायपुर (खबर वारियर)- कलेक्टर डाॅ. एस.भारतीदासन के निर्देश पर खाद्य विभाग रायपुर के द्वारा विगत दिनों न्यू नाइस बेकरी, बोरियाखुर्द, शांति एच.पी. गैस एजेंसी, न्यू राजेन्द्र नगर और यशोदा बॉयो फ्यूल्स, रावांभांठा की आकस्मिक जांच की गई।

खाद्य नियंत्रण रायपुर ने बताया कि जांच के दौरान 1599 गैस सिलेण्डर एवं 25 हजार 964 लीटर तथाकथित बॉयो डीजल को जप्त किया गया है। व्यवसायिक गैस सिलेण्डर के कारोबार में गैस कंपनियों के द्वारा अवैध रूप से बिना सुरक्षा निधि जमा किये एस.व्ही. व्हाउचर बनाये तथा गैस कार्ड दिये बिना कारोबारियों को व्यवसायिक सिलेण्डर दिये जाने की शिकायत प्राप्त हो रही थी। इसी प्रकार डीजल के स्थान पर आयातित तरल उत्पाद का नाम बदलकर बॉयो डीजल विक्रय करने की भी शिकायत प्राप्त हो रही थी।

ज्ञात हो की मेसर्स न्यू नाइस बेकरी में 56 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के 19 किलो वाले गैस सिलेण्डर से ओवन को चलाया जा रहा था। मौके पर 52 नग भरे हुये व्यवसायिक सिलेण्डर पाये गये तथा 96 नग खाली सिलेण्डर पाये गये। गैस कंपनी को खाली गैस सिलेण्डर कारोबार स्थल पर नहीं छोड़ने का नियम है। इसी तरह एस.व्ही. व्हाउचर, गैस कार्ड नहीं पाया गया। इस आधार पर 206 नग सिलेण्डर जप्त कर लिया गया।

खाद्य विभाग की टीम ने शांति एच.पी. गैस एजेंसी, न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर में छापा मारकर दस्तावेज की मांग की गयी। एजेंसी के द्वारा मेसर्स न्यू नाइस बेकरी से संबंधित कोई भी एस.व्ही. व्हाउचर, गैस कार्ड देने के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। एजेंसी का स्टॉक बोर्ड भी 01 जनवरी 2021 तक का ही प्रदर्शित था।

फर्म के पास कंपनी से पाये भरे गैस सिलेण्डर एवं वापस किये गये खाली सिलेण्डर के संबंध में वैध जानकारी नहीं पायी गयी। मौके पर जो कम्प्यूटराईज्ड स्टॉक जानकारी प्रस्तुत की गयी, उसमें भी दिनांक 31 जनवरी 2021 तक थी। टीम के द्वारा गैस एजेंसी के गोदाम में जाकर भौतिक सत्यापन किये जाने पर स्टॉक में अंतर पाया गया। घरेलू गैस सिलेण्डर भरे हुये 123 कम कम पाये गये। इसी प्रकार व्यवसायिक गैस सिलेण्डर 36 नग अधिक पाये गये, जिसके कारण मौके पर उपलब्ध कुल 1,599 नग सिलेण्डर जप्त कर लिया गया है।

इस जांच टीम के द्वारा मेसर्स यशोदा बॉयो फ्यूल्स, रावाभांठा की भी जांच की गयीं। फर्म को उद्योग विभाग के द्वारा डीजल विक्रय के संबंध में पंजीयन पत्र प्रदाय किया गया, जबकि मौके पर फर्म के द्वारा इंदौर के फर्म कान्हा बिल्टकॉम से प्राप्त तरल पेट्रोलियम उत्पाद के रूप में मिथाइल इस्टर वस्तु का बिल प्रस्तुत किया गया। बॉयो फ्यूल्स वनस्पति उत्पाद है एवं इसको विदेशों से आयात नहीं किया जा सकता है।

मध्यप्रदेश की फर्म के द्वारा प्रेषित बिल में वे-ब्रिज बिल नहीं है, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि बॉयो डीजल की आड़ में कुछ कंपनियों के द्वारा ऐसा उत्पाद निर्मित किया जा रहा है, जो कि बॉयो डीजल नहीं है, लेकिन इस उत्पाद का डेन्सिटी डीजल के समकक्ष है। इस फर्म के द्वारा मई 2020 से कारोबार करने के बावजूद केवल जनवरी 2021 से आवक-जावक संबंधी जानकारी रखी गयी है। इस आधार पर यशोदा बॉयो फ्यूल्स के द्वारा डीजल के प्रदाय को प्रभावित करने के कारण 25,964 लीटर तथाकथित बॉयो डीजल जप्त किया गया है।

खाद्य नियंत्रक तरूण राठौर द्वारा गठित सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे, अरविंद दुबे, मदन मोहन साहू एवं खाद्य निरीक्षक कु. रीना साहू, मनीष यादव की टीम द्वारा संबंधित फर्मों की जांच की गयी।

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