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एलआईसी (LIC)के स्थापना दिवस को हिफाज़त दिवस के रूप में मनाएंगे बीमा कर्मचारी ,बनाएंगे मानव श्रंखला

रायपुर (खबर वारियर) 1 सितंबर को भारतीय जीवन बीमा निगम के 65 वें वे स्थापना दिवस के अवसर पर बीमा कर्मचारी इस दिवस को एलआईसी के हिफाज़त दिवस के रूप में मनाएंगे और मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के सभी शहरों में मानव श्रृंखला बनाएंगे । रायपुर में 5-30बजे पंडरी स्थित मण्डल कार्यालय के समक्ष मानव शृंखला का निर्माण किया जायेगा।

एआईआईईए ( AIIEA) के महासचिव कामरेड धर्मराज महापात्र ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि आज ही के दिन 1956 में भारतीय जीवन बीमा निगम का जन्म हुआ था तथा इसके जन्म का उद्देश्य ही 245 निजी बीमा कंपनियों के तिकड़मों के चलते जनता के बचत की रक्षा के लिए हुआ था अतः आज फिर सरकार उसी ओर बढ़ रही है जो कि इसके राष्ट्रीयकरण के उद्देश्यों के ही विपरीत है ।

मात्र 5 करोड़ की पूंजी से बना यह उद्योग 2019-2020 की स्थिति में 32 लाख करोड़ की संपत्ति का निर्माण कर चुका है और इतना ही नहीं इस 5 करोड़ के लाभांश के रूप में अब तक सरकार को 26005 करोड़ का भुगतान कर चुकी है।

एलआईसी ने इस कोरोना संकट के दौर में जब अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट दर्ज कर रही है तब यह शानदार उपलब्धियों के कीर्तिमान गढ़ रही है । देश के किसी भी उद्योग को बचाने का सवाल हो, शेयर मार्केट के भूचाल को सम्हालने का सवाल हो या फिर पंच वर्षीय योजनाओं में योगदान का सवाल हो एलआईसी हमेशा अग्रणी भूमिका निभा कर सरकार के लिए संकट मोचक का काम करती रही है । यह प्रगति तब है जब एलआईसी 23 निजी बीमा कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रही है तथा 49 प्रतिशत एफ़डीआई की सीमा थोप दिया गया है ।

कोविड महामारी विश्व में अपना रौद्र रूप का कहर दिखा रहा है और ऐसी महामारी के दौरान सरकार एक ओर तो पूंजी के संकट से जूझ रही है और दूसरी ओर देश के नवरत्न, महारत्न, तथा मुनाफ़ादेह सार्वजनिक उद्योगों को नीलाम करने की मुहिम पर चलते हुए देश की संपत्ति को औने पौने दामों पर मित्र पूँजीपतियों के हवाले करने की कवायद कर रही है.।

होना यह चाहिए की देश के लिए संपत्ति का निर्माण करने वाले सार्वजनिक उद्योगों को और अधिक सशक्त एवं मजबूत बनाया जाए ताकि देश की अर्थव्यवस्था में इनके योगदान को सुनिश्चित करते हुए राष्ट्र निर्माण तथा गरीब जनता के उत्थान के कार्य लगातार जारी रहे। अतः आज आवश्यकता इनके सुदृढीकरण की है न की विनिवेशीकरण की ।

उन्होंने एल आई सी के आई पी ओ जारी करने के निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए जनता के हर तबके को isme खिलाफ लामबंद होने का आव्हान किया ।

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